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10 जुलाई 2011

पंजाब यूनिवर्सिटी में एफीलिएशन को लेकर अधिक दिक्कत

पंजाब यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली हाल में शनिवार को कालेज प्रिंसिपलों ने एक सुर में कोर्सो कीएफीलिएशन प्रक्रिया को सुधारे जाने की मांग की। उनका कहना था कि एफीलिएशन कमेटियां सही समय पर निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचती जिससे दिक्कतें पेश आती हैं। कमेटी के सदस्यों के नाम और उनकी निरीक्षण की तारीख यूनिवर्सिटी को वेबसाइट पर डाल देनी चाहिए ताकि उसके अनुरूप तैयारी की जा सके। मिलते-जुलते कोर्सो के लिए बार-बार एफीलिएशन मांगे जाने पर भी उन्होंने ऐतराज जताया। प्रिंसिपलों का कहना था कि जिन कालेजों ने यूनिवर्सिटी की सभी शर्ते मान लीं, उन्हें भी एफीलिएशन नहीं दी जा रही। इस पर वीसी प्रो. आरसी सोबती ने कहा कि कई कालेजों में अभी भी खामियां हैं जिन्हें सुधारा नहीं जा रहा। यही वजह है कि एफीलिएशन रुकी है। कालेज विद्यार्थियों का दाखिला कर कोर्स पहले शुरू कर देते हैं और बाद में एफीलिएशन मांगते हैं जो गलत है। यूनिवर्सिटी ऐसे किसी कोर्स को मान्यता नहीं देगी। प्रिंसिपलों ने कहा कि यूनिवर्सिटी की शत-प्रतिशत शर्ते नहीं मानी जा सकतीं। प्रो. सोबती ने कहा कि एफीलिएशन के लिए समय पर कमेटियां बना दी 
गई थीं, उनकी ओर से कहीं देरी नहीं हुई। फीस के मुद्दे पर वीसी ने कहा कि बहुत से कालेज बीकॉम के लिए दो तरह की फीस ले रहे हैं जो धांधली है। कालेजों में फीस बढ़ाए जाने के मुद्दे पर जीके चतरथ की अगुवाई में बनी कमेटी ने 10 प्रतिशत फीस बढ़ाने की संस्तुति की है। फाइल उनके पास आएगी तो वह इसे सिंडिकेट में ले जाएंगे जहां अंतिम फैसला होगा। प्रिंसिपलों ने कहा कि बहुत से कोर्सो का सिलेबस ही तैयार नहीं हुआ जबकि कोर्स शुरू हो गए। प्रिंसिपलों ने रेगुलर टीचरों को पूरा स्केल और कांट्रेक्ट टीचरों को 25800 रुपये देने पर भी ऐतराज जताया। वीसी ने यूजीसी नियमों का हवाला दिया। डीन कालेज डेवलपमेंट कौंसिल प्रो. नवल किशोर ने कालेजों की अलग-अलग समस्याएं भी सुनीं। 

हर कालेज का होगा पीयू के पास लिंक :
पंजाब यूनिवर्सिटी कालेजों के फीस स्ट्रक्चर, सिलेबस, एग्जामिनेशन प्रक्रिया, एफीलिएशन, रिजल्ट आदि को ऑनलाइन करने जा रही है(दैनिक जागरण,चंडीगढ़,10.7.11)।

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