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09 जुलाई 2011

हिंदू कॉलेज: पकड़ा गया ओबीसी फर्जीवाड़ा

डीयू में फर्जी एडमिशन के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। रामजस कॉलेज, सत्यवती कॉलेज के बाद अब हिंदू कॉलेज का नया केस पकड़ में आया है। हिंदू कॉलेज ओबीसी कैटिगरी में एक स्टूडेंट फर्जी कास्ट सटिर्फिकेट के सहारे एडमिशन लेने पहुंची थी लेकिन एडमिशन ऑफिसर ने उसके सटिर्फिकेट के फर्जीवाड़े को पकड़ लिया।

कॉलेज ने यूनिवसिर्टी को इस बारे में जानकारी दी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर ने कॉलेजों को लेटर लिखकर उस स्टूडेंट की डिटेल दी है ताकि वह फजीर् सटिर्फिकेट के सहारे किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन न ले ले। डीन ने लिखा है कि अगर उस कैंडिडेट ने किसी दूसरे कॉलेज में एडमिशन लिया है तो इस बारे में यूनिवसिर्टी को जरूर बताएं।

यह मामला काफी दिलचस्प है। हिंदू कॉलेज में एडमिशन लेने आई इस कैंडिडेट के पास ओबीसी सटिर्फिकेट तो था लेकिन उस पर क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर के बारे में नहीं लिखा था। यूनिवसिर्टी नियमों के मुताबिक ओबीसी कोटे का फायदा उन कैंडिडेट को मिलता है, जो नॉन क्रीमी लेयर में आते हैं यानी जिनके पैरंट्स की सालाना इनकम 4.5 लाख से कम होती है। यह कैंडिडेट एडमिशन के लिए हिंदू कॉलेज की एडमिशन अफसर डॉ. पूनम सेठी के पास आई। डॉ. सेठी ने बताया कि कैंडिडेट के पिता एक नामी कंपनी में बड़ी पोस्ट पर हैं और कैंडिडेट ने कॉलेज के एडमिशन फॉर्म में सालाना इनकम 10 लाख तक बताई थी। यानी यह कैंडिडेट नॉन क्रीमी लेयर में नहीं आती।


इस बारे में जब कैंडिडेट को बताया गया तो वह उस दिन तो चली गई लेकिन अगले दिन नॉन क्रीमी लेयर का नया सटिर्फिकेट बनवाकर ले आई और उस सटिर्फिकेट में पैरंट्स की सालाना इनकम 3 लाख रुपये बताई गई। डॉ. सेठी ने बताया कि उन्हें कैंडिडेट का नाम याद था इसलिए उन्होंने तुरंत पहचान लिया कि यह वही कैंडिडेट है जो कल भी आई थी। सख्ती करने पर वह कैंडिडेट कॉलेज से चली गई। कॉलेज अधिकारियों ने कैंडिडेट के पिता से भी बात की और उन्हें कहा कि इस तरह के फजीर्वाड़े में शामिल नहीं होना चाहिए। यह कैंडिडेट हिंदू कॉलेज में बीएससी (ऑनर्स) स्टैटिक्स में एडमिशन लेना चाह रही थी। डॉ. सेठी का कहना है कि इस तरह के मामलों में पैरंट्स भी कम दोषी नहीं हैं और फजीर्वाड़े में उनकी भी बराबर की भूमिका है। 

इन घटनाओं से सबक लेते हुए कॉलेजों ने अब तय किया है कि हर एडमिशन की जांच होगी ताकि फजीर् एडमिशन पकड़ा जा सके। कॉलेजों में स्पोर्ट्स कोटे के एडमिशन भी चल रहे हैं और इन एडमिशन को लेकर भी शिकायतें आनी शुरू हो गई हैं। गौरतलब है कि क्राइम ब्रांच ने फजीर् कास्ट सटिर्फिकेट के मामले का खुलासा किया था और पता चला था कि इन सटिर्फिकेट के सहारे टॉप कॉलेजों में फजीर् एडमिशन कराए गए थे। उसके बाद दयाल सिंह कॉलेज में एक कर्मचारी पर पैसे लेकर एडमिशन करवाने का आरोप लगा(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,9.7.11)। 

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