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09 जुलाई 2011

बैंक पीओ के लिए अब एक ही परीक्षा

बैकिंग सेवा में जाने की सोच रखने वाले छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है। उन्हें लगभग हर माह होने वाली परीक्षाओं से छुटकारा मिला है। अलग-अलग बैंकों द्वारा होने वाली परीक्षाओं में शामिल होने की बजाय अब उन्हें सिर्फ एक परीक्षा में बैठना होगा। देश के 19 राष्ट्रीयकृत बैंकों में पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों के लिए अब सिर्फ एक परीक्षा होगी। यह परीक्षा वर्ष में दो बार होगी। इन 19 बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक शामिल नहीं है।
बदली व्यवस्था में इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन बोर्ड परीक्षा की जिम्मेदारी संभालेगा। यह 19 बैंकों की एक ही परीक्षा लेगा। परीक्षा के तरीके में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ है। कुछ डिस्क्रिप्टिव प्रश्नों की संख्या बढ़ाने के अलावा परीक्षा पैटर्न लगभग वही रहेगा। परीक्षा होने के बाद इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन बोर्ड एपियर छात्रों को एक स्कोर कार्ड जारी करेगा।

स्कोर कॉर्ड के कुछ मानक होंगे। तय कटऑफ मार्क्‍स के नीचे वाले छात्रों को स्कोर कार्ड नहीं दिया जाएगा। यह स्कोर कार्ड एक साल तक वैलिड रहेगा, जो छात्र अपने स्कोर से सहमत नहीं होंगे, वह इस परीक्षा में दोबारा एपियर हो सकते हैं। अच्छी रैंक लाने के लिए भी वह परीक्षा में दोबारा एपियर हो सकेंगे। इस सत्र के लिए नौ जुलाई से आवेदन शुरू हो जाएंगे। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया एक अगस्त तक चलेगी। इस पद्धति से पहली बार एग्जाम 18 सितंबर को होगा। छात्र  www.ibps.in पर लॉगऑन कर सकते हैं।
बैंक लेंगे सिर्फ इंटरव्यू
इस परीक्षा में मिले स्कोर कार्ड के मुताबिक बैंक नियुक्ति करेंगे। वह खाली पदों का विज्ञापन जारी करेंगे। विज्ञापन में उल्लेख होगा कि कितने मार्क्‍स वाले प्रतिभागी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हों। इसमें शामिल प्रतिभागियों से बैंक सिर्फ इंटरव्यू या ग्रुप डिस्कशन करेंगे। अलग-अलग बैंक अपनी कटऑफ लिमिट तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
फिलहाल, दो पदों के लिए ही
इंस्टीट्यूट ऑफ बैंकिंग पर्सनल सेलेक्शन बोर्ड का यह नियम सिर्फ पीओ और मैनेजमेंट ट्रेनी के पदों के लिए लागू होगा। क्लर्क के अलावा बैंकों के अन्य स्टॉफ में नियुक्ति बैंक पहले की तरह करते रहेंगे। संभव है कि आगे क्लर्क को भी इस दायरे में ले लिया जाए।
छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत
प्रक्रिया बदलने से बैंकिंग परीक्षा से जुड़े छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। आमतौर पर एक बैंक साल में लगभग दो बार परीक्षाएं आयोजित करता है। 19 बैंकों के परिप्रेक्ष्य में देखें तो साल में 38 परीक्षाएं होती हैं। बैंकिंग की तैयारी करने वाले छात्र लगभग हर बैंक की परीक्षा में शामिल होते हैं। 38 परीक्षाओं की तैयारी करने के साथ छात्रों को परीक्षा के शुल्क के रूप में हजारों रुपए खर्च करने होते थे। बदली प्रक्रिया में उन्हें सिर्फ दो परीक्षाएं देनी होंगी।
यह बैंक हैं शामिल
बदली हुई प्रक्रिया में इलाहाबाद बैंक, आंध्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, कापरेरेशन बैंक, देना बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पीएनबी, पंजाब एंड सिंध बैंक, सिंडीकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, यूएसओ बैंक और विजया बैंक शामिल हैं। एसबीआई इस प्रक्रिया में शामिल नहीं है। वह पहले की तरह अलग परीक्षा का आयोजन कराता रहेगा।
अवसर बढ़ेंगे
"बदली प्रक्रिया से बैंकिंग की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए अवसर बढ़ेंगे, चूंकि परीक्षा साल में सिर्फ दो बार ही होगी, इसलिए उनके पास परीक्षा के लिए एकाग्र होने का अवसर होगा।"
श्याम वर्माबैकिंग कोचिंग से जुड़े शिक्षाविद(रोहित मिश्र,दैनिक भास्कर,रायपुर,9.7.11)

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