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07 जुलाई 2011

मध्यप्रदेशःतीन वर्षीय डाक्टरी डिग्री का जूडा करेगा पुरजोर विरोध

ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा साढ़े तीन वर्ष का कोर्स शुरू करने संबंधी निर्णय से मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन में तीखा रोष व्याप्त है। जूडा का कहना है कि सरकार द्वारा इस दिशा में प्रक्रिया शुरू कर ग्रामीण जनों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है और इस निर्णय ने यदि मूर्त रूप लिया तो वे उग्र विरोध करेंगे।


इस संबंध में एसोसिएशन का कहना है कि शासन द्वारा डॉक्टर्स को ग्रामीण क्षेत्रों में जाने पर विभिन्न प्रकार की सुविधाएं देने की बात तो की जाती है, परंतु वास्तविकता इससे ठीक विपरीत है। उन्हें न तो समुचित वेतन दिया जाता है और न ही सुरक्षा प्रदान की जाती है, बावजूद इसके करीब 5 सौ चिकित्सकों ने ग्रामों में सेवाएं देना प्रारंभ किया है, लेकिन साढ़े तीन साल में डॉक्टर बनाने की जो तैयारी की जा रही है, वह मासूमों की जान से खिलवाड़ करने जैसा होगा, जिसका हर कदम पर विरोध किया जाएगा।

जूडा के अध्यक्ष डॉ. अशोक ठाकुर का कहना है कि जल्द ही एक बैठक आयोजित कर उसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। उनके अनुसार शासन द्वारा गांवों में सुविधाएं बढ़ाने की बात तो हमेशा की गई, परंतु ऐसा कभी किया नहीं गया, इसीलिए इस निर्णय का हम विरोध करेंगे, ताकि जनता के साथ किसी तरह का छलावा न हो। जूडा के डॉ. राहुल मिश्रा, डॉ. गौरव गुप्ता, डॉ. हर्षिल, डॉ. अमित, डॉ. रोमा सोनकर, डॉ. मंजूलता सइकिया, डॉ. विक्रांत, डॉ. विकास आदि ने आक्रोश जताते हुए इस निर्णय पर नाखुशी जाहिर की है(दैनिक भास्कर,जबलपुर,7.7.11)।

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