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17 जुलाई 2011

यूपीःसमान पाठ्यक्रम पर बढ़ी तकरार

प्रदेश के 11 राज्य विश्वविद्यालयों में बीए, बीएससी, बीकॉम, बीपीएड के समान पाठ्यक्रम पर तकरार बढ़ गई है। लखनऊ और गोरखपुर विवि के विरोध के बाद अब कानपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (कूटा) भी समान पाठ्यक्रम के विरोध में उतर आया है। शनिवार को डीबीएस कालेज में हुए कूटा के सम्मेलन में कहा गया कि ऐसा करके सभी विश्वविद्यालयों की बोर्ड आफ स्टडीज से खिलवाड़ किया जा रहा है। शासन अपने हिसाब से पाठ्यक्रम बदल रहा है। उसकी मंशा है कि प्रदेश स्तर की एक बोर्ड आफ स्टडीज बनाकर मनमाने ढंग से पाठ्यक्रम बदला जा सके लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।
चालू शैक्षिक सत्र से ही सभी राज्य विश्वविद्यालयों का पाठ्यक्रम समान किया जाना है। इससे पहले ही लखनऊ और गोरखपुर विवि ने स्वायत्तता बनाए रखने की मांग करते हुए इसमें अड़ंगा लग दिया। दोनों विवि का कहना है कि समान पाठ्यक्रम लागू करने का दबाव न डाला जाए, वे अपने हिसाब से पाठ्यक्रम में बदलाव कर लिया जाएगा। अब शिक्षक संघ भी इसके विरोध में आ गए हैं। शनिवार को हुए कूटा के सम्मेलन में समान पाठ्यक्रम का मुद्दा छाया रहा। महामंत्री डा. विकास द्विवेदी ने कहा कि समान पाठ्यक्रम के नाम पर विषय विशेषज्ञों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है। इसके विरोध में सोमवार को सहगल कमेटी के चेयरमैन प्रो. हर्ष कुमार सहगल को ज्ञापन दिया जाएगा। ज्ञापन में पाठ्यक्रम बदलने का अनुमोदन स्थानीय बोर्ड आफ स्टडीज से कराने और उसी हिसाब से पाठ्यक्रम लागू कराने की मांग की जाएगी। यह मामला उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (फुपुक्टा) की 24 जुलाई को लखनऊ में प्रस्तावित बैठक में भी उठाया जाएगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों को अपना पाठ्यक्रम निर्धारित करने की छूट देने की मांग की जाएगी। सभी शिक्षक इकाइयों से बातचीत कर समान पाठ्यक्रम का एक स्वर में विरोध होगा(अमर उजाला,कानपुर,17.7.11)।

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