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17 जुलाई 2011

रायबरेली में खुलेगा एविएशन विश्वविद्यालय

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले रायबरेली स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी को नया रूप देने की सरकार की योजना अब परवान चढ़ेगी। शुक्रवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई गवर्निग काउंसिल की बैठक में अकादमी के आधुनिकीकरण और विस्तार को लेकर कई फैसले लिए गए। इनमें अकादमी परिसर में इंटरनेशनल एविएशन यूनिवर्सिटी खोलने, हेलीकॉप्टर प्रशिक्षण सुविधा शुरू करने के अलावा उसकी प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने के फैसले शामिल हैं। शुक्रवार को उड्डयन मंत्रालय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी की गवर्निग काउंसिल की बैठक हुई। नागरिक उड्डयन सचिव डा.नसीम जैदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राहुल गांधी के अलावा सांसद कैप्टन सतीश शर्मा, डीजीसीए अध्यक्ष ईके भारत भूषण तथा संयुक्त सचिव रोहित नंदन ने शिरकत की। बैठक में अकादमी के तीन साल के कामकाज की समीक्षा की गई। बैठक में महसूस किया गया कि अकादमी को वक्तकी जरूरतों के हिसाब से प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इस हिसाब से इसकी क्षमता को मौजूदा 125 से बढ़ाकर 200 सालाना करने का निर्णय हुआ। तदनुरूप बुनियादी सुविधाएं भी बढ़ाई जाएंगी। इसके लिए अगली पंचवर्षीय योजना में जरूरी बजटीय सहायता देने के लिए सरकार से अनुरोध किया जाएगा। अकादमी को उच्चतम स्तर प्रदान करने के लिए इसे सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने का निर्णय भी हुआ। बैठक में अकादमी में हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग प्रारंभ करने का फैसला हुआ। इसे इसी साल सितंबर में होने वाले अकादमी के रजत जयंती समारोह के मौके पर प्रारंभ किया जाएगा। इस सिलसिले में मैनेजमेंट पार्टनर कांट्रैक्टर सीएई को दिल्ली में विंग सिमुलेटरों की स्थापना करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी जमीन उपलब्ध कराएगी। सीएई ने डेढ़ साल के भीतर सिमुलेटर स्थापित करने का वादा किया है। इसके अलावा अकादमी परिसर के भीतर एक अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय स्थापित करने का भी निर्णय किया गया। यहां एविएशन संबंधी प्रत्येक विधा की पढ़ाई की जाएगी। इनमें एविएशन इंजीनियरिंग, एरोनॉटिक्स, एप्लाइड मेटरोलॉजी, एविएशन एंवायरनमेंट साइंस, एमआरओ, ग्राउंड हैंडलिंग इत्यादि शामिल हैं। यह यूनिवर्सिटी विश्व स्तर की होगी और संपूर्ण एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बढ़ती एविएशन ट्रेनिंग संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करेगी। अकादमी में शीघ्र ही एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग (एएमई) की सहूलियतें स्थापित करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दे दी गई। आगे चलकर अकादमी परिसर में एमआरओ फैसिलिटी प्रारंभ किए जाने की जरूरत भी महसूस की गई। इन फैसलों को प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जाएगा(दैनिक जागरण,दिल्ली,17.7.11)।

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