मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

21 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ पीएमटी जांच में खुलासा: बदला किसी का चेहरा तो किसी की आंखों का रंग

पं. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में चेहरे बदलकर पीएमटी दिलाने वाले मेडिकल छात्रों का फर्जीवाड़ा सामने आने लगा है। सीआईडी की प्रारंभिक जांच में ही घपले की परतें उधड़ रही हैं। दस्तावेजों में किसी का चेहरा बदला नजर आ रहा है तो किसी के आंखों का रंग मैच नहीं हो रहा है। इस तरह के प्रमाण मिलने से यह तय लग रहा है कि पीएमटी में फर्जीवाड़ा करने वाले जल्द बेनकाब हो जाएंगे।
सीआईडी ने संदिग्ध छात्रों के अंगूठे के निशान जांच के लिए फोरेंसिक विभाग भेजा है। हैंडराइटिंग एक्सपर्ट की जांच भी पूरी नहीं हो सकी है। दस्तावेजों की जांच में सीआईडी को इस बात के प्रमाण मिलने लगे हैं कि छात्रों ने सिस्टम को धता बताया है।
अब तक की जांच में कई छात्रों के पुराने फोटो उनके मौजूदा चेहरे से मेल नहीं खा रहे हैं। पहली नजर में ही ऐसे छात्रों पर शक गहरा गया है। दस्तावेजों में चस्पा फोटो और मौजूदा चेहरे में खासा अंतर है। फॉर्म में चिपकाए गए फोटो को थोड़े दूर से लेने के साथ ही उसमें छेड़छाड़ करने के संकेत मिल रहे हैं।
किसी के गाल मोटे हैं तो किसी की आंखों के रंग में फर्क है। इतना ही नहीं माथे की चौड़ाई और बालों के आकार में भी फर्क है। सीआईडी मेडिकल कालेज के 32 चिकित्सा छात्रों की जांच की जांच कर रही है। ऐसा शक है कि इन छात्रों ने अपनी जगह किसी और को परीक्षा में बिठाया। मुन्नाभाई एमबीबीएस की तर्ज पर विशेषज्ञ छात्रों ने परीक्षा दी और पास होने के बाद इन छात्रों ने मेडिकल कालेज में दाखिला लिया। सीआईडी इन छात्रों की फोटो का मिलान कर रही है।
उनके हस्ताक्षरों और अंगूठे के निशान का नमूना लिया गया है। छात्रों के ताजा हस्ताक्षर व अंगूठे का निशान का मिलान उससे किया जा रहा है, जो उन्होंने पीएमटी देते समय परीक्षा हाल में दिया था। सीआईडी ने 8 जुलाई को मेडिकल कालेज में इन छात्रों के हस्ताक्षर व अंगूठे का नमूना लिया था।

सीआईडी ने ही फोरेंसिक और हैंड राइटिंग एक्सपर्ट को नमूना सौंपा है। सीआईडी की टीम फिलहाल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। छात्रों की संख्या ज्यादा होने की वजह अंगूठे के निशान और हस्ताक्षर के नमूने की जांच करने में समय लग रहा है। सीआईडी के अफसर लगातार फोरेंसिक विभाग के एक्सपर्ट्स के संपर्क में हैं।
दस्तावेज मिलाते चौंके अफसर
संदिग्ध छात्रों के दस्तावेजों का मिलान काउंसिलिंग तथा मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने के समय प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों से कर लिया गया है। इसमें कई चौकाने वाली बातें सामने आई है।
गोपनीयता के लिहाज से सीआईडी के अफसर उन जानकारियों का खुलासा नहीं कर रहे हैं अलबत्ता सीआईडी को कुछ छात्रों के मूल निवास प्रमाण पत्र पर शक है। इसके वेरीफिकेशन के लिए संबंधित जिलों के तहसीलदार को पत्र भी लिखा गया है। अब तक किसी भी पत्र का जवाब नहीं मिला है। सीआईडी के अफसर अब खुद आन द स्पॉट परीक्षण के लिए रवाना हो सकते हैं।
इन बिंदुओं पर हो रहा मिलान
- पीएमटी में बैठने वाले, पढ़ाई करने वाले क्या एक हैं?
- उनकी हैंड राइटिंग बदली तो नहीं?
- अंगूठे के निशान में अंतर तो नहीं है?
- आंखों की पुतली और माथे की चौड़ाई का अंतर?
- दस्तावेजों में फोटो और मौजूदा चेहरे का मिलान?
अब तक ये संकेत मिले हैं
- कुछ छात्रों के फोटो में अंतर है।
- माथे की चौड़ाई और बालों में भी अंतर हैं।
- आंखों के रंग और गालों की साइज में अंतर नजर आ रहा है।
- पीएमटी के फार्म में जानबूझ कर ऐसा फोटो चस्पा किया गया, जिसका चेहरे साफ नजर नहीं आ रहा।
-अंगूठे का निशान भी ऐसा नजर आ रहा कि जान बूझकर हिलाया गया है(असगर खान,दैनिक भास्कर,रायपुर,21.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।