पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि सिलेबस से बाहर प्रश्नपत्र, उत्तरपुस्तिकाओं में खामी अथवा ग्रेस मार्क्स देने की मांग अदालत की सुनवाई के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। जस्टिस रणजीत सिंह ने फैसले में कहा कि प्रश्नपत्र आंकना अथवा उत्तरपुस्तिकाओं में खामी तलाशने का काम अदालत का नहीं है। ऐसे में इन मामलों में याचियों को कोई राहत नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट का यह फैसला उस याचिका पर आया है जिसमें अकाउंट्स एंड फाइनेंशियल मैनेजमेंट की 10 मई को आयोजित परीक्षा में आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछने पर दोबारा परीक्षा कराने अथवा प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम 21 ग्रेस मार्क्स दिलवाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया कि परीक्षा में सिलेबस से बाहर सवाल पूछे गए। इससे उम्मीदवारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
ऐसे में उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स दिए जाएं। संबंधित अथॉरिटी से मांग की जा चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जस्टिस रणजीत सिंह ने कहा अदालतें एग्जामिनर, सेलेक्शन बोर्ड अथवा प्रश्नपत्र में खामियां तलाशने का काम नहीं कर सकती(ललित कुमार,चंडीगढ़,9.7.11)।
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