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13 जुलाई 2011

उत्तराखंडःकिताबें तो दूर, स्कूल ड्रेस भी नहीं बंटी

शिक्षा सत्र शुरू होने के बावजूद प्रदेश के स्कूलों में किताबें तो नहीं ही पहुंची। स्कूलों में स्कूल ड्रेस भी नहीं बंट रही है। आलम यह है कि ड्रेस की धनराशि स्कूलों के खातों में पड़ी सड़ रही है। शिक्षा विभाग की इस कारस्तानी पर मंत्री गोविंद बिष्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जमकर फटकारा और तीन दिन के भीतर कक्षा एक से कक्षा आठ तक के स्कूलों में पाठय़ पुस्तकें पहुंचाकर स्कूलवार रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल के स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की हालत देख गुस्साए शिक्षा मंत्री ने निदेशक से लेकर ब्लॉक स्तर के अधिकारियों को अभियान के रूप में 52 पाठय़ पुस्तकों की सूची लेकर स्कूलों में जाकर खुद जांच करने के निर्देश दिए और जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। मंगलवार को विधानभवन में आयोजित समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री ने बच्चों को तुरंत स्कूली ड्रेस वितरित करने के निर्देश दिए। बीएड की तर्ज पर डीएलएड शिक्षण का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने के लिए विभाग तुरंत प्रस्ताव पेश करे और नए उच्चीकृत विद्यालयों और मृतक आश्रित के पदों पर जल्द से जल्द नियुक्ति के निर्देश दिए। शिक्षा मंत्री ने पदोन्नति और सीधी भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने, सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य के पदों को डाउनग्रेड वेतनमान देते हुए पदोन्नति का पद बनाने के लिए विनियमों में संशोधन, पीटीए शिक्षकों, पत्राचार बीटीसी अभ्यर्थियों की मानदेय संविदा पर तैनाती, शिक्षा मित्र का मानदेय, शिक्षा आचायरे की नियुक्ति, मिनीस्टीरियल संवर्ग के इसी माह के अंत कर प्रमोशन करने, डीपीसी के मुताबिक प्रवक्ता व एलटी वेतनक्रम में नई तैनाती करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की 2007 से 2010 तक भवन निर्माण, उच्चीकरण, प्रांतीयकरण की 296 घोषणाओं के संबंध में पूछे जाने पर अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 153 पूरी कर ली गई हैं(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,13.7.11)।

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