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07 जुलाई 2011

डीयूःफेलियर्स और बंकर्स को सेमेस्टर का गिफ्ट

डीयू में सेमेस्टर सिस्टम का बड़ा फायदा र्फस्ट ईयर के उन रेगुलर स्टूडेंट्स को मिलेगा, जो इस बार या तो फेल हो गए हैं या कम हाजिरी या दूसरी वजह से एग्जाम नहीं दे पाए। यूनिवसिर्टी ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि फर्स्ट ईयर के ऐसे सभी स्टूडेंट्स को अपने-अपने कॉलेजों में री-एडमिशन मिल पाएगा, यानी ये एक बार फिर से रेगुलर स्टूडेंट्स की तरह कॉलेजों में पढ़ाई कर सकेंगे।

पहले जो स्टूडेंट्स फेल हो जाते थे या एग्जाम नहीं देते थे, उन्हें एक्स स्टूडेंट्स माना जाता था और वे क्लास अटेंड नहीं कर सकते थे। एक्स स्टूडेंट्स के तौर पर र्फस्ट ईयर पास करने के बाद ही वे सेकंड ईयर में कॉलेज जॉइन कर सकते थे। इसका फायदा फर्स्ट ईयर के उन स्टूडेंट्स पर पड़ेगा, जिन्होंने पिछले साल एनुअल सिस्टम में चलने वाले कोसेर्ज में एडमिशन लिया था। यह नियम सिर्फ इसी साल ही लागू रहेगा।


पिछले साल डीयू ने साइंस के 13 कोसेर्ज में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया था। साइंस के इन 13 कोसेर्ज में र्फस्ट ईयर के जो स्टूडेंट्स फेल हो गए हैं, उन्हें अपने कॉलेज में र्फस्ट ईयर में री-एडमिशन नहीं मिलेगा बल्कि उन्हें एक्स स्टूडेंट की तरह ही पढ़ाई करनी होगी। दरअसल, इस साल डीयू में ग्रैजुएशन लेवल का हर कोर्स सेमेस्टर के दायरे में आ गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए यूनिवसिर्टी ने यह नोटिफिकेशन जारी किया है। 
यूनिवसिर्टी का कहना है कि पिछले साल स्टूडेंट्स ने एनुअल सिस्टम में चलने वाले कोसेर्ज में एडमिशन लिया था और इनमें से जो स्टूडेंट इस बार फेल हो गए हैं, उन्हें इस साल सेमेस्टर सिस्टम से पढ़ाई करवाने के लिए री-एडमिशन दिया जा रहा है। अगर इन्हें एक्स स्टूडेंट्स माना जाता तो इन्हें एनुअल सिस्टम में ही पढ़ाई करनी पड़ती लेकिन अब ये स्टूडेंट्स भी सेमेस्टर कोसेर्ज में पढ़ सकेंगे। 

यूनिवसिर्टी के डिप्टी रजिस्ट्रार (ऐकडेमिक) रामदत्त का कहना है कि इस साल ग्रैजुएशन के सभी कोसेर्ज में सेमेस्टर लागू हो रहा है और अगले साल र्फस्ट ईयर के जो स्टूडेंट्स फेल होंगे, उन्हें री-एडमिशन का मौका नहीं मिलेगा। यह नोटिफिकेशन इसलिए लागू किया गया है ताकि किसी कॉलेज में र्फस्ट ईयर में दो सिस्टम न चलें और सिर्फ सेमेस्टर ही हो। जिस कॉलेज का जो स्टूडेंट होगा, उसे उसी कॉलेज में एडमिशन मिल सकेगा। 

इस नोटिफिकेशन का फायदा उन स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा होगा, जो कम हाजिरी के चलते इस बार एग्जाम में नहीं बैठ पाए। हर कॉलेज में इस बार कम हाजिरी के चलते स्टूडेंट्स को एग्जाम देने से रोका गया है। दयाल सिंह कॉलेज में तो ऐसे स्टूडेंट्स की संख्या काफी ज्यादा है। एग्जाम देने से रोके गए स्टूडेंट्स ने काफी हंगामा किया था लेकिन यूनिवसिर्टी ने उन्हें राहत नहीं दी। सेमेस्टर स्कीम में अब साल में दो बार एग्जाम होंगे और स्टूडेंट्स को हाजिरी पर खास ध्यान देना होगा। 

उधर, कॉलेजों के सामने नई परेशानी खड़ी हो सकती है। दरअसल, पहले ही कॉलेजों में रेकॉर्ड एडमिशन हो रहे हैं और अब जब फेल हुए स्टूडेंट्स या कम हाजिरी के चलते रोके गए स्टूडेंट्स को फिर से र्फस्ट ईयर में एडमिशन देना होगा तो सवाल यही है कि उन स्टूडेंट्स को कैसे एडजस्ट करेंगे। क्लासरूम में सीमित जगह होती है और कॉलेजों को इस साल कई अलग सेक्शन भी बनाने पड़ सकते हैं(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,7.7.11)। 

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