चौथी कट ऑफ आने के बाद भले ही साउथ कैंपस के अधिकतर कॉलेजों में संस्कृत ऑनर्स की लगभग सभी सीट भर गई हों। लेकिन छात्रों को लगता है कि संस्कृत विषय में नौकरी के विकल्प बहुत कम है। शायद यहीं वजह है कि तीसरी और चौथी कट ऑफ आ जाने के बाद भी जब छात्रों को उनके पसंदीदा विषय में दाखिला नहीं मिलता तो वह संस्कृत का रुख करते हैं।
संस्कृत के शिक्षक और साउथ कैंपस के कॉलेजों के एडमिशन कमेटी के कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं। सेंट स्टीफन कॉलेज में संस्कृत के विभागाध्यक्ष आशुतोष माथुर का कहना है कि छात्र संस्कृत ऑनर्स की जगह अंग्रेजी ऑनर्स में अधिक रुचि रखते हैं। छात्रों को संस्कृत में नौकरी के कम विकल्प नजर आते हैं। मोतीलाल नेहरू कॉलेज में एडमिशन कमेटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संस्कृत ऑनर्स में छात्रों की रुचि बहुत कम है। वेंकटेश्वर कॉलेज में एडमिशन कमेटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन संस्कृत ऑनर्स को और अधिक बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है(नई दुनिया,दिल्ली,6.7.11)।
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