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13 जुलाई 2011

डीयूःओबीसी के लिए जारी होंगी दो और सूची

ओबीसी वर्ग के छात्र अभी दाखिले को लेकर निराश नहीं हो। यहां १३ जुलाई के बाद विश्वविद्यालय की ओर से उनके लिए दो और कट ऑफ लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें कट ऑफ सामान्य वर्ग के लिए आखिरी कट ऑफ से १० फीसदी से ज्यादा नीचे नहीं होगा।

रजिस्ट्रार आरके सिन्हा ने कॉलेजों को पत्र लिखकर ओबीसी कोटा की सीटें पांचवीं लिस्ट के दाखिले के बाद भी भरने को कहा है। नये निर्देश के मुताबिक कॉलेज सामान्य वर्ग की आखिरी कट ऑफ से १० फीसदी कम करके १४ जुलाई को अपनी लिस्ट जारी करेंगे। यह छठीं लिस्ट सिर्फ ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए होगा। इसके तहत कॉलेज १५ और १६ जुलाई को दाखिला देंगे।

इसके बाद भी अगर सीटें खाली रहती हैं तो कॉलेजों को कहा गया है कि वे विश्वविद्यालय को १६ जुलाई की शाम तक सूचित करें। इसके बाद उनके लिए १७ जुलाई को सातवीं कट ऑफ जारी होगी। इस लिस्ट के आधार पर छात्रों को १८ और १९ जुलाई को दाखिला दिया जाएगा।


छठी और सातवीं लिस्ट के बाद भी सीटें खाली रहती हैं तो इसे कॉलेज तबतक नहीं भरे जबतक विश्वविद्यालय इस बारे में कोई निर्णय नहीं ले लेता। गौरतलब है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार ओबीसी सीटें ज्यादा भरी हैं। लेकिन ज्यादातर कोर्स में सीटें खाली प़ड़ी हैं। इनमें ओबीसी वर्ग के छात्र आ नहीं पाए हैं। कई कॉलेजों ने शुरू से ही उनके लिए सामान्य वर्ग से १० फीसदी की रियायत दे रखी है(नई दुनिया,दिल्ली,13.7.11)।


टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर भी इसकी पुष्टि करती हैः
Delhi University has directed colleges not to proceed with the conversion of unfilledOBCseatsforgeneralcategory candidates till further notice.Two more cutoff lists will be issued only for OBC students,the varsity stated in a directive on Tuesday that supersedes all other related orders.
The conversion of seats was scheduled to take place on July 15,two days after admissions in the fifth cutoff getover.
In the five-point directive,DU also asked colleges to communicate to the registrar fresh cutoffs exclusively for the OBC category for those courses having unfilled OBC seats and in which the relaxation of marks stipulated for OBC candidates compared to general category aspirants is still less than 10%.The registrar will notify the sixth cutoff list for the OBC candidates on Thursday.Admission and payment of fees willtakeplaceon July 15and 16.
We have freezed conversionsof theunfilledseatsaswe are awaiting clarifications on the issue.So the colleges will continue accepting OBC candidates.Moreover,thefull10%relaxation has to be exhausted, said DU vice-chancellor Dinesh Singh.
A seventh cutoff will be released only if OBC seats remained unfilled and only for thosecoursesinwhichthe 10% relaxation has not yet been exhausted.The list will be notified on July 17,and admission and payment of fees will take place on July 18 and 19.
Now,even those colleges which have just a few unfilled OBC seats will have to keep the admission process open and will not be able to convert the seats till further notice even after July 19.We have exhausted mostof the OBC seats and have alsoofferedthe 10%relaxation.There are a few seats left and if they remain unfilled even after Wednesday,we will,as per the university directives,will keep them open for the OBC aspirants, said the principal of Gargi College,Meera Ramachandran.
Even before the university directives,some colleges decided not to convert the seats to general category to balance out the excess admission and end the admission process itself.Now these colleges will have to keep the admission for the OBC candidatesopentillJuly 19.

हिंदुस्तान,दिल्ली संस्करण में अंकुर शर्मा लिखते हैं कि कोटे की सीटें पहली बार होंगी फुलः
दिल्ली विश्वविद्यालय ने ओबीसी की खाली सीटों को सामान्य वर्ग में तब्दील करने का फैसला फिलहाल टाल दिया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि विवि प्रशासन ओबीसी की खाली सीटों को सामान्य वर्ग में बदलने के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगा, लेकिन डीयू प्रशासन अब ओबीसी की सीटों को भरने के लिए 14 जुलाई को छठी कटऑफ जारी करने जा रहा है।
इसके तहत छात्रों को 15 और 16 जुलाई के बीच दाखिला लेना होगा। सामान्य वर्ग के छात्रों को भरोसा था कि ओबीसी की सीटों के तब्दील होने के बाद उनका डीयू में पढ़ने का सपना सच हो सकेगा। लेकिन डीयू के इस फैसले से सामान्य वर्ग के छात्रों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। गौरतलब है कि ज्यादातर कॉलेजों में ओबीसी की सीटें फु ल हो चुकीं हैं। ऐसे में डीयू का नया फरमान गिने-चुने कॉलेजों में ही लागू किया जा सकेगा। ओबीसी कोटे के तहत भारी संख्या में दाखिले को देखते हुए इन सीटों के भरने की पूरी संभावना है। साउथ कैंपस के वेंकटेश्वर कॉलेज में ओबीसी की ज्यादातर सीटें भर चुकी हैं। यह पहली बार है कि कटऑफ में ही ओबीसी कोटे की इतनी सीटें भरी हों।


वेंकटेश्वर कॉलेज की प्रिंसिपल हेमलता रेड्डी ने बताया कि अभी तक ओबीसी कोटे की 95 प्रतिशत से ज्यादा सीटें भर चुकी हैं। अभी दाखिले का एक दिन और बाकी है और छात्रों की संख्या को देखते हुए उम्मीद है कि पांच प्रतिशत सीटें भी भर जाएंगी। हेमलता ने बताया कि इस साल ओबीसी कोटे में पहले कटऑफ से ही दाखिले हो रहे हैं। वहीं आउट ऑफ कैंपस कॉलेजों में भी यही हाल है। दयाल सिंह कॉलेज में मात्र चार कोर्सो में ही सीटें बचीं सीटें भी लगभग फुल हो चुकी हैं। कॉलेज के प्रिंसिपल आईएस बक्शी ने बताया कि कॉलेज में ओबीसी की ज्यादातर सीटें फुल हैं। इस साल काफी बेहतर दाखिले हुए हैं।

दैनिक भास्कर में शैलेन्द्र सिंह की रिपोर्ट भी देखिएः
डीयू में दाखिले की चाह रखने वाले उन छात्रों के लिए अब ओबीसी सीटों के स्थानांतरण के जरिए खुलने वाला दाखिले का आखिरी दरवाजा भी बंद हो गया है। ओबीसी कोटा लागू होने के बाद से ही लगातार डीयू में दाखिला प्रक्रिया सम्पन्न होने के बाद ओबीसी की बची सीटों को अन्य श्रेणियों के लिए उपलब्ध करा दिया जाता था और इस प्रक्रिया के जरिये बड़े स्तर पर ‘बैक डोर एंट्री’ अंजाम दी जाती थी।

इसका कारण था कि स्थानांतरण के बाद होने वाली दाखिला प्रक्रिया का कॉलेज स्तर पर अंजाम दिया जाना, लेकिन इस बार जिस तरह से विश्वविद्यालय ने ओबीसी सीटों के स्थानांतरण पर रोक लगाई है और इस श्रेणी के लिए अलग से दो कटऑफ निकालने फैसला किया है, उससे 13 जुलाई बीतने का इंतजार कर रहे उन छात्रों को करारा झटका लगा है जो जुगाड़ के सहारे दाखिले की जुगत में जुटे थे।

विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. दिनेश सिंह से जब इस बाबत पूछा गया तो उनका कहना था कि बैक डोर एंट्री का तो पता नहीं, लेकिन अभी तक जारी पांचों कटऑफ को देखने पर ऐसा नजर आया है कि कई कॉलेज सीटें न भरने के बाद भी ओबीसी श्रेणी में 10 प्रतिशत की अधिकतम राहत देने से परहेज कर रहे है, अब न जाने इसके पीछे उनकी क्या मंशा है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि कोटे के छात्रों को उनका हक मिले और यहीं कारण था कि दाखिला प्रक्रिया की शुरुआत में भी उन्होंने सभी कॉलेज प्रिंसिपलों को इस नजरिए से अवगत कराया था।

विश्वविद्यालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि बीते सालों में देखने को मिला है कि ओबीसी की सीटें भारी संख्या में खाली रह जाती हैं और फिर इन्हें कॉलेज अपनी तरह से भरते हैं, जिसके लिए आम छात्र को कॉलेज से सम्पर्क में रहना होता है। बीते ही साल की बात करें तो 3 हजार 901 ओबीसी सीटें खाली रह गई थीं, जो बाद में स्थानांतरण के तहत अन्य श्रेणियों को चली गईं।

इस अधिकारी ने बताया कि इस बार दाखिलों की संख्या ज्यादा है, लेकिन अभी भी कॉलेजों में ओबीसी कोटे की सीटें बची हुई हैं और लाइन में इंतजार कर रहे छात्र 13 जुलाई की राह देख रहे हैं, ताकि सीटे स्थानांतरित हों और उनका दाखिला सुनिश्चित हो। कॉलेजों के स्तर पर अक्सर इस तरह के आरोप लगते रहते हैं कि वहां कुछ लोगों के निजी हितों को साधने के लिए इस कोटे के स्थानांतरण का सहारा लिया जाता है।

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