मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

22 जुलाई 2011

बिहारःकोचिंग संस्थानों के खिलाफ सरकार सख्त

सरकार ने कोचिंग अधिनियमों के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए अब तक की गयी कार्रवाई का रिपोर्ट तलब की है। इसके लिए मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह ने राज्य भर के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। इसके लिए पन्द्रह दिनों का समय दिया गया है। कोचिंग संस्थानों के खिलाफ लगातार मिल रही शिकायतों के मद्देनजर मानव संसाधन विकास विभाग हरकत में आया है। प्रधान सचिव ने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि विभिन्न जिलों से मिली सूचना के मुताबिक अधिनियम के लागू होने के एक वर्ष बीत जाने के बावजूद जिले के सभी कोचिंग संस्थानों का निबंधन नहीं हो पाया है। उनके द्वारा शिक्षण फीस लेने में भी कोई पारदर्शिता नहीं बरती गयी है। इस संबंध में काफी छात्र मुझसे और मुख्यमंत्री के जनता दरबार में शिकायत कर चुके हैं। उन्होंने पत्र में कहा है कि कोचिंग संस्थानों के नियंतण्रएवं विनियमन के लिए लागू अधिनियम का कठोरता से पालन कराया जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोचिंग संस्थान में नामांकन के समय प्रोस्पेक्टस छात्र को अवश्य दे, नामांकन में पारदर्शिता हो एवं कोचिंग संस्थानों के पास अधिनियम में उल्लेखित आधारभूत संरचना एवं सुविधाएं उपलब्ध हों। अधिनियम में इन संस्थानों की जांच एवं अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान है इसका भी प्रयोग किया जाना चाहिए। मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा बिहार में चल रहे कोचिंग संस्थानों के नियंतण्रतथा विनियमन के लिए वर्ष 2010 में एक अधिनियम पारित किया गया था। उक्त अधिनियम के तहत जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा जिले के कोचिंग संस्थानों का निबंधन किया जाना है। सभी कोचिंग संस्थानों जो 10 से अधिक छात्र-छात्राओं को कोचिंग देते हैं,उन्हें अधिनियम में दिये गये आधारभूत संरचना एवं अन्य शतरे को पूरा करना है। इसके तहत सभी कोचिंग संस्थानों को अपने पाठय़क्रम,शिक्षकों की योग्यता,फीस आदि का एक प्रॉस्पेक्ट्स के रूप में छात्राओं को उपलब्ध कराना है ताकि वे स्पष्ट रूप से जान सकें कि उन्हें किस गुणवत्ता का शिक्षण मिलेगा तथा उसका शिक्षण फीस क्या होगा(राष्ट्रीय सहारा,पटना,22.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।