मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

09 जुलाई 2011

सीसीई की खामियां दूर करेंगे स्कूल

पढ़ाई के तनाव से बाहर निकल कर स्टूडेंट्स का संपूर्ण विकास हो सके इसे ध्यान में रखकर सीबीएसई ने पिछले साल से सीसीई सिस्टम लागू किया था लेकिन पैटर्न नया होने के कारण इसमें कई खामियां रह गई थीं। इस सत्र में सभी स्कूलों ने उन खामियों को दूर करने की तैयारी कर ली है। यही कारण है कि सभी स्कूलों ने इस सेशन से सीसीई को बेहतर बनाने के लिए कुछ खास परिवर्तन किए हैं।

मार्क्‍स पैटर्न में बदलाव: जो स्टूडेंट्स 2012 में 10वीं बोर्ड या स्कूल के आधार पर एग्जाम देंगे उनके लिए सीसीई में होने वाले दोनों टर्म के लिए सिलेबस का रेशो 40-60 की जगह 50-50 कर दिया है। यानी सीसीई के तहत होने वाले दोनों टर्म 1 अप्रैल से 30 सितंबर, दूसरा 1 अक्टूबर से 31 मार्च के लिए सिलेबस का रेशो बराबर कर दिया है। इसके साथ ही मार्क्‍स के पैटर्न को बदलते हुए एसए 1 और एसए 2 के नंबर 80 की जगह 90 कर दिए गए हैं। इन्हें 30 प्रतिशत में बदला जाएगा। एयरफोर्स केवी - 2 के प्रिंसिपल एनटी मिश्रा का कहना है कि दोनों टर्म में कोर्स आधा-आधा बांट देना स्टूडेंट्स के हित में रहेगा। अपेक्षाकृत कमजोर बच्चों के लिए यह और आसान हो जाएगा।


पेरेंट्स को भी होगी सीसीई की जानकारी: कुछ स्कूल तो स्टूडेंट्स के साथ पेरेंट्स को ओरिएंटेशन की सहायता से सीसीई के बारे में जानकारी देंगे। साथ ही सीबीएसई की ओर से जारी सर्कुलर की कॉपी भी समय-समय पर पेरेंट्स को उपलब्ध करवाई जाएगी।

इंटीग्रेटेड होंगे प्रोजेक्ट्स: पिछले सेशन में सीसीई के तहत दिए जाने वाले प्रोजेक्ट्स का वर्कलोड इतना हो गया था कि पेरेंट्स इस बात को लेकर काफी परेशान थे। इस बार स्कूल इस परेशानी को पूरी तरह से दूर करने वाले हैं, क्योंकि इस सेशन में बच्चों को इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट्स करवाए जाएंगे। इसके तहत सारा प्रोजेक्ट वर्क क्लास रूम में ही टीचर की देखरेख में करवाया जाएगा(दैनिक भास्कर,जोधपुर,9.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।