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14 जुलाई 2011

हिमाचलःमुख्याध्यापकों की भरती को उलझा रहा विभाग

राजकीय अध्यापक संघ ने सरकार और शिक्षा विभाग पर मुख्याध्यापकों के पदों पर भरती के मामले को उलझाने का आरोप लगाया। प्रदेश के सैकड़ों उच्च माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में मुख्याध्यापकों के सृजित पद रिक्त पड़े हैं। राजकीय अध्यापक संघ जिला शिमला के प्रधान वीरेंद्र चौहान ने कहा कि राज्य में 852 उच्च विद्यालयों में से 300 से अधिक विद्यालयों में मुख्याध्यापकों के पद रिक्त हैं। शिक्षा में गुणवत्ता के लिए आरटीई लागू किया है। शिक्षकों की योग्यता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। लेकिन प्रशिक्षण को धरातल पर कार्यान्वित करवाने के लिए मुखिया ही नहीं है। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में सृजित मुख्याध्यापकों के 236 पद भी नहीं भरे जा सके हैं। पदों को भरने के बजाय भरती मामले को उलझाया जा रहा है। संघ के वित्त सचिव सतीश निराला, महासचिव प्रेम शर्मा, सलाहकार सुरेंद्र मखैईक, रवींद्र राठौर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष केपी शर्मा, महावीर कैंथला, विजय गोस्वामी और चितरंजन कालटा सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार केवल एक नीति लागू करे या तो समस्त पदों को सीधी भरती के अधीन लाया जाए, या फिर मुख्याध्यापक के पद पर सीधी भरती प्रक्रिया बंद करें। बिना मुखिया के संस्थानों में प्रशिक्षण को कार्यान्वित कर पाना कैसे संभव होगा(अमर उजाला,शिमला,14.7.11)।

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