मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

28 जुलाई 2011

डीयूःअब अंग्रेजी में लेक्चर, नो प्रॉब्लम

क्लास रूम में शिक्षकों के अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल से परेशान दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अच्छी खबर है। कुलपति प्रो. दिनेश सिंह की पहल पर अब अंग्रेजी में लेक्चर लेने वाले शिक्षकों को कुछ इस तरह से ट्रेंड किया जाएगा कि वह कमजोर अंग्रेजी वाले छात्रों तक भी अपनी बात बेहतर ढंग से पहुंचा सकें। कुलपति की मानें तो इस काम के लिए खासतौर पर एक सर्टिफिकेट कोर्स शिक्षकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने बताया कि बीते साल उन्हें इस बात की जानकारी मिली की कक्षाओं में शिक्षकों द्वारा अंग्रेजी भाषा के इस्तेमाल के चलते हिन्दी माध्यम वाले छात्र बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा, किताबों के मोर्चे पर भी अनुवाद की समस्या विश्वविद्यालय के समक्ष लगातार बनी हुई है, इसके वाबजूद अनुवाद का काम जारी है।
प्रो. सिंह ने बताया कि अब हम शिक्षकों को कुछ इस तरह से तैयार कर रहे हैं कि वे कक्षाओं में भले ही अंग्रेजी भाषा का इस्तेमाल करें पर वह कुछ इस तरह से पढ़ाएं कि छात्र अंग्रेजी भाषा को समझने लगें।
उन्होंने बताया कि डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन की प्रो. रमा मैथ्यू के सहयोग से तैयार किए गए इस खास सर्टिफिकेट कोर्स में शिक्षकों को अंग्रेजी में पढ़ाने के गुरु सिखाए जाएंगे और उसका सीधा लाभ छात्रों को मिलेगा। यानि, माध्यम हिन्दी हो या अंग्रेजी, सभी को क्लास रूम का ज्ञान अर्जित करना आसान हो जाएगा।

इस बाबत जब प्रो. रमा मैथ्यू से पूछा गया तो उनका कहना था कि शिक्षकों के लिए ही नहीं, हम तो छात्रों के लिए भी एक ऐसा कोर्स उपलब्ध करा रहे हैं, जो उन्हें अंग्रेजी भाषा में निपुण बनाता है। प्रो. मैथ्यू ने बताया कि शिक्षकों को कराए जाने वाले पाठ्यक्रम में शिक्षक जहां बेहतर अध्यापन का ज्ञान पा रहे हैं, वहीं छात्र भी महज तीन हजार रुपए खर्च कर ऐसे ही एक पाठ्यक्रम ले सकते हैं, जो अंग्रेजी भाषा की बारीकियों से अवगत कराता है।

याद रहे कि बीते साल पदभार ग्रहण करने के बाद छात्र-शिक्षकों से मुलाकात कर कुलपति ने वादा किया था कि वह हिन्दी के छात्रों के लिए अध्ययन सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे। इतना ही नहीं, अंग्रेजी के ज्ञान की समस्या का सीधा सामना कुलपति ने उस समय किया था जब एमए इतिहास में कई छात्र-छात्राओं ने शिक्षकों के अंग्रेजी में पढ़ाने व अनुवादित किताबें उपलब्ध न होने की जानकारी उन्हें दी थी(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,दिल्ली,28.7.11)।

राष्ट्रीय सहारा में राकेश नाथ की रिपोर्टः
दिल्ली विविद्यालय द्वारा हिन्दी भाषी विद्यार्थियों को क्लास में अंग्रेजी की पुस्तकों को लेकर होने वाली परेशानी दूर करने का तरीका निकाला जा रहा है। इसके लिए विविद्यालय शिक्षकों को अंग्रेजी भाषा को लेकर इस तरह से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे शिक्षक सरल अंग्रेजी के शब्दों का प्रयोग कर विद्यार्थियों को पढ़ाएंगे। इसके लिए न सिर्फ शिक्षकों को तैयार किया जाएगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी अंग्रेजी में आने वाली दिक्कतों को दूर करने का प्रयास्ा किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए विविद्यालय कॉलेजों में कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि विविद्यालय में राजनीति शास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र आदि विषयों में अंग्रेजी की पुस्तकें उपलब्ध रहती है, लेकिन स्कूल से इन विषयों को हिन्दी में पढ़कर आने वाले विद्यार्थियों को इससे काफी परेशानी होती है। डीयू के कुलपति प्रो दिनेश सिंह ने बताया कि बीते महीनों में जब वह विद्यार्थियों से रुबरु हुए थे तब कई विद्यार्थियों ने इस तरह की शिकायतें उनसे की थीं। हिन्दी भाषी विद्यार्थियों ने कुलपति को जानकारी दी थी कि कई विषयों की पुस्तकें हिन्दी में नहीं मिलती है, जिससे वे पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं और शिक्षक भी कठिन अंग्रेजी में क्लास लेते हैं। प्रो सिंह ने कहा कि इन परेशानियों को देखते हुए अंग्रेजी में पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की योजना है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।