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11 जुलाई 2011

साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में छात्रों की दिलचस्पी कम

दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देशों द्वारा स्थापित महात्वाकांक्षी साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में सदस्य देशों के छात्रों का रुझान कम ही देखने को मिल रहा है। इस साल भारत को छोड़कर शेष सार्क देशों से दाखिले के लिए केवल 319 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। भारत के छात्रों में हालांकि यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल विविद्यालय को प्रवेश के लिए प्राप्त हुए कुल 2040 आवेदनों में से 1720 आवेदन भारतीय छात्रों के थे। लेकिन शेष सिर्फ 319 आवेदन छह अन्य सदस्य देशों के हैं। एक आवेदन सार्क से इतर देश इंडोनेशिया से आया है। अन्य सार्क देशों में कम लोकप्रियता के बारे में विविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर जीके चड्ढा कहते हैं, ‘विविद्यालय को अस्तित्व में आए जुमा- जुमा एक साल हुआ है और अभी बहुत अधिक पाठ्यक्र मों की शुरुआत भी नहीं हो पाई है। हो सकता है कि सदस्य देशों के छात्रों को यूनिवर्सिटी के बारे में अभी उतनी व्यापक जानकारी नहीं मिल पाई हो।’
उन्होंने बताया, ‘हमलोग चरणबद्ध तरीके से विभिन्न पाठ्यक्र मों को आगामी वर्षों में आरंभ करेंगे जिसके बाद सदस्य देशों के छात्रों में इसको लेकर दिलचस्पी बढ़ने की उम्मीद है।’ भारत के अलावा सार्क के सदस्य देशों में नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, अफगानिस्तान, श्रीलंका और मालदीव शामिल हैं। 2010 में स्थापित किए गए सार्क वििद्यालय में इस बार पांच नये पाठ्यक्र मों की शुरुआत की गई है। नए पाठ्यक्र मों को मिलाकर अब विविद्यालय में कुल सात पाठ्यक्र म हो गए हैं जिसमें कुल 220 से 225 छात्रों का दाखिला होना है। दाखिले के लिए भारत में आठ और सदस्य देशों में एक-एक प्रवेश परीक्षा केंद्र बनाया गया था जहां पर 12 मई को परीक्षा आयोजित हुई(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,11.7.11)।

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