मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

15 जुलाई 2011

पंजाब यूनिवर्सिटी के दाखिला नियमों पर हाईकोर्ट ने उठाए सवाल

पीयू के दाखिला नियमों पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हैरानी जताई है। अदालत ने कहा कि यह रोचक पहलू है कि तीन वर्षीय लॉ कोर्स के लिए एक छात्र की उपस्थिति पूरी न होने पर उसे अगले सेमेस्टर की कक्षाएं लगाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। इसमें फस्र्ट सेमेस्टर के छात्र को हाजिरी पूरी न होने पर न केवल दूसरे सेमेस्टर की कक्षाएं लगाने से रोका गया है बल्कि उसे दोबारा दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा भी पास करने का नियम है।

वहीं दूसरी तरफ एक छात्र जिसकी हाजिरी पूरी है और वह परीक्षा में नहीं बैठता तो वह अगले सेमेस्टर की कक्षाएं लगा सकता है। हाईकोर्ट ने ऐसे ही एक मामले में चंडीगढ़ सेक्टर-21 निवासी साहिल सिंगला को राहत देते हुए पंजाब यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वह उसे दूसरे सेमेस्टर की कक्षाएं लगाने से न रोके।

साहिल की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उसने पीयू के लॉ डिपार्टमेंट के तीन वर्षीय कोर्स में प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर वर्ष 2010-2011 के सत्र में दाखिला लिया। 75 फीसदी उपस्थिति न होने पर उसका दाखिला कैंसिल कर उसे दोबारा दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा पास करने को कहा गया।


साहिल ने याचिका में यूनिवर्सिटी के दाखिला नियमों पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक तरफ फस्र्ट सेमेस्टर के छात्र को कम उपस्थिति होने पर दोबारा दाखिला लेने के लिए कहा जा रहा वहीं बाद के सेमेस्टर में छात्रों को महज उपस्थिति पूरी होने पर ही अगले सेमेस्टर की कक्षाओं में बैठने की अनुमति है जबकि उसने बीते सेमेस्टर की परीक्षा भी न दी हो। पीयू के वकील ने कहा कि सिंडीकेट से पारित होने के बाद दाखिला नियमों को लागू किया जाता है। हाईकोर्ट ने कहा कि पीयू का यह दाखिला नियम सही नहीं है(ललित कुमार,दैनिक भास्कर,चंडीगढ़,15.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।