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23 जुलाई 2011

डीयू सख्त: छात्रों से ही ली जाएगी शिक्षकों की रिपोर्ट

ग्रेजुएशन में सेमेस्टर सिस्टम लागू होने के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय कुलपति को शिक्षकों की कक्षाओं में मौजूदगी की चिंता सताने लगी है। शिक्षकों की मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए अब कुलपति व उनकी टीम छात्रों को सशक्त करने में जुट गई है।

इसी वजह से औचक निरीक्षण कर छात्रों से सीधे संवाद करने की व्यवस्था नए सत्र के पहले ही दिन से लागू कर दी है। साथ ही छात्रों को किसी भी तरह की समस्या होने पर तत्काल शिकायत करने के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।

कुलपति प्रो. दिनेश सिंह ने कहा कि साल में दो बार परीक्षाएं आयोजित करने के लिए जरूरी है कि छात्र समय पर कक्षाएं अटेंड करें, लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि शिक्षक कक्षाओं में मौजूद रहें। शिक्षक क्लास में हैं या नहीं? इस बात की पड़ताल के लिए शिक्षकों के बजाए मैं छात्रों से ही रिपोर्ट लूंगा।

क्लास में शिक्षक के नहीं होने के साथ ही किसी भी तरह की शिकायत छात्र प्रिंसिपल से कर सकते हैं। समस्या का समाधान नहीं होने की सूरत में वह सीधे मुझसे भी मिल सकते हैं या फिर ईमेल कर सकते हैं।


डीन कॉलेज प्रो. सुधीश पचौरी ने कहा कि मैं छात्रों को मजबूत बनाने के लिए एक ऐसी व्यवस्था तैयार करने में जुटा हूं, जिसके तहत आंतरिक मूल्यांकन के चलते शिक्षकों की ज्यादतियों के खिलाफ मुंह न खोल सकने वाले छात्रों का भय भी खत्म हो जाएगा। 

मेरी नजर जहां कॉलेजों से आने वाले आंतरिक मूल्यांकन पर पुनर्विचार व पुन: समीक्षा कराने की व्यवस्था पर है। उधर, कुलपति चाहते हैं कि आंतरिक मूल्यांकन से जुड़ा प्रश्नपत्र खुद डीयू अपनी ओर से भेजे ताकि उसके नतीजों के आधार पर पता लग सके कि आखिरी किस कॉलेज में किस स्तर पर अध्ययन कार्य को अंजाम दिया जा रहा है(दैनिक भास्कर,दिल्ली,23.7.11)।

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