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11 जुलाई 2011

देहरादूनःफर्जी तरीके से चल रहा था आईपीएसआर इंस्टीट्यूट

ट्रांसपोर्टनगर में करीब डेढ़ वर्ष पहले खोला गया आईपीएसआर इंस्टीट्यूट बिना मान्यता के फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा था। फर्जी तरीके से इंस्टीट्यूट संचालित किये जाने का मामला सिटी मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह की जांच में पकड़ में आया। इस पर पटेलनगर कोतवाली में इस्टीट्यूट के निदेशक, प्रबन्धक व प्रधानाचार्य समेत छह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पुलिस मामले की जांच-पड़ताल कर आरोपितों की सरगर्मी से तलाश कर रही है। मालूम हो कि पटेलनगर थानान्तर्गत ट्रांसपोर्टनगर में आईपीएसआर इंस्टीट्यूट खोला गया था। इस इंस्टीट्यूट में विभिन्न पाठ्यक्रमों में उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के तीस सौ छात्रों का दाखिला किया गया था। फीस के नाम पर छात्र/छात्राओं से लाखों वसूले गये थे। डेढ़ महीने पहले छात्र/छात्रों को पता चला कि उक्त इंस्टीट्यूट फर्जी तरीके से चल रहा है। इस पर छात्र/छात्राएं सड़क पर आ गये। हंगामा व तोड़-फोड़ की जानकारी मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट मेहरबान सिंह व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने जांच के बाद कार्रवाई किये जाने का आासन देकर हंगामा कर रहे छात्र/छात्राओं को शान्त कराया। सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा की गयी जांच में यह तस्दीक हुआ कि उक्त इंस्टीट्यूट किराये के तीन कमरों में फर्जी तरीके से चल रहा था। इस इंस्टीट्यूट में करीब 300 छात्र/छात्राएं है। इनमें 60 छात्र उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के हैं। फर्जीवाड़े की पुष्टि होने पर छात्र राज ब्रजेश सिंह की प्रार्थना पत्र पर सिटी मजिस्ट्रेट ने पटेलनगर पुलिस को इंस्टीट्यूट के लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिये। उनके निर्देश पर इंस्टीट्यूट के निदेशक विनोद राणा, प्रधानाचार्य संजय कंसल, प्रबन्धक, श्रवण कुमार, प्रमोद राणा आदि के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर इंस्टीट्यूट संचालित किये जाने की रिपोर्ट दर्ज हुई है(राष्ट्रीय सहारा,देहरादून,11.7.11)।

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