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18 जुलाई 2011

क्लास में गए बगैर ही कर सकेंगे पूरे सेमेस्टर की पढ़ाई

सरकार उच्च शिक्षा में महंगी किताबें और क्लास रूम की पढ़ाई के अलावा भी रास्ते की तलाश में हैं। उसे ई-कंटेंट और इंटरनेट पर पढ़ाई में भविष्य की बेहतर संभावनाएं दिख रही हैं। लिहाजा वह देश के बेहतरीन संस्थानों के चुनिंदा शिक्षकों के क्लासरूम से सभी छात्रों को जोड़ने की तैयारी में है। इसके लिए वह ऐसे शिक्षकों के पूरे सेमेस्टर की कक्षाओं का वीडियो तैयार कराके अपने पोर्टल के जरिए छात्रों तक सीधे पहुंचाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इस योजना पर अमल के लिए सभी विश्वविद्यालयों से संपर्क साध चुका है। मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि इसके लिए संबंधित विषय के शिक्षक और सरकार के बीच एक करार होगा। उसके तहत पूरे सेमेस्टर के दौरान क्लासरूम में उनकी पढ़ाई का वीडियो तैयार किया जाएगा। उसके लिए उनको प्रति क्लास लगभग एक हजार रुपये का अलग से भुगतान किए जाने की योजना है। सरकार वीडियो के जरिए तैयार उनकी वेब क्लास को अपने पोर्टल साक्षात पर उपलब्ध कराना चाहती है। उससे फायदा यह होगा कि उन पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे छात्र बगैर उस कक्षा में गए ही घर बैठे उतनी पढ़ाई कर सकते हैं, जितनी दूसरे छात्रों ने कक्षा में बैठकर की है। वह भी अपनी सुविधानुसार चुनी जगह और समय पर। सूत्र बताते हैं कि किसी क्लासरूम की वीडियो रिकार्डिंग अब बड़ी समस्या नहीं रह गई है। अब तक 375 विश्वविद्यालयों को आप्टिकल फाइबर के जरिए ब्राडबैंड कनेक्शन से जोड़ा जा चुका है। अब वे सरकारी पोर्टल से सीधे जुड़े हुए हैं। जबकि बाकी विश्वविद्यालय व दूसरे उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थान इससे जोड़े जा रहे हैं। अलबत्ता क्लासरूम की वीडियो रिकार्डिंग उपकरणों की जरूरत होगी, जिसके लिए धन देने को सरकार तैयार है। गौरतलब है कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मिशन के तहत ई-कंटेट तैयार कराने में लगा हुआ है। फिलहाल प्रौद्योगिकी व इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के ई-कंटेट तैयार हो रहे हैं। आने वाले दो-ढाई वर्षों में इन पाठ्यक्रमों की सामग्री इंटरनेट पर उपलब्ध होने की उम्मीद है(राजकेश्वर सिंह,दैनिक जागरण,18.7.11)।

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