मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

15 जुलाई 2011

टॉपर्स ने किया लखनऊ विवि से किनारा

लखनऊ विश्वविद्यालय से टॉपर्स ने किनारा कस लिया है। इस सच को स्नातक कक्षाओं की प्रवेश प्रक्रिया के आंकड़े बयां कर रहे हैं। बीसीए को छोड़कर कोई भी कोर्स ऐसा नहीं है, जिसमें टॉप रैंक के अभ्यर्थी ने एडमिशन लिया हो। टॉपर्स ने दूसरे विश्वविद्यालय या संस्थान को ही तरजीह देना उचित समझा है।
लविवि में स्नातक कक्षाओं के लिए दाखिले की प्रक्रिया 1 जुलाई से शुरू हुई थी, जो शुक्रवार तक पूरी हो जाएगी। प्रवेश प्रक्रिया से जुड़े लोगों ने कोर्सवार एडमिशन के आंकड़ों का जो एनालसिस किया उसके हिसाब से इक्का-दुक्का विषयों में ही टॉपर्स लविवि में रुक सके हैं। बीबीए में ओपन कैटेगरी में टॉप 7 रैंक के अभ्यर्थियों ने एडमिशन नहीं लिया है। दाखिले की शुरुआत यहां आठवीं रैंक से हुई है। बीबीए टूरिज्म में मेरिट में पांचवीं रैंक वाला बच्चा लविवि में रुका जरूर है लेकिन उसके कुल 77.4 फीसदी अंक है। लविवि में बीसीए में मेरिट में 1 रैंक पाने वाले अभ्यर्थी ने प्रवेश लिया है। साइंस फैकल्टी को भले ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सर्वे में 21वां स्थान मिला हो लेकिन बीएससी मैथ्स एवं बायो में टॉप 9 रैंक के अभ्यर्थी नहीं रुक सके हैं। दोनों में ही पहला एडमिशन 10वीं रैंक वाले अभ्यर्थी ने लिया है। क्रेज के बावजूद बीकॉम में भी मेरिट लिस्ट के टॉपर की प्राथमिकता में लविवि नहीं रहा है। सेकंड रैंक वाले अभ्यर्थी ने यहां जरूर दाखिला लिया है। बीकॉम ऑनर्स में भी दूसरी एवं लॉ ऑनर्स में आठवीं रैंक से एडमिशन का खाता खुला है जबकि बीए में 10वीं रैंक वाले ने लविवि को चुना है। हालांकि लविवि प्रवक्ता प्रो. एसके द्विवेदी कहते हैं कि पहली और दूसरी रैंक वाले अभ्यर्थियों का लविवि में नही रुकने का मतलब यह नहीं कि हमारा आकर्षण घटा है। छात्र अनेक सुविधाएं एवं जरूरतों को देखकर एडमिशन लेते हैं। अच्छी मेरिट वाले बहुत से विद्यार्थियों ने हमारे यहां प्रवेश लिया है और इसका हमें सुकून भी है(अमर उजाला,लखनऊ,15.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।