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06 जुलाई 2011

यूपीःदरोगा भर्ती के खिलाफ याचिका पर जवाब तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दरोगा भर्ती (रैंकर) के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से छह सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिका द्वारा भर्ती प्रक्रिया में उत्तर प्रदेश उपनिरीक्षक पुलिस सेवा नियमावली- 2008 को लागू करने की वैधता को चुनौती दी गयी है। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके शुक्ला ने कांस्टेबिल धर्मवीर गौतम व अन्य तथा विनोद कुमार व अन्य की तरफ से दाखिल याचिकाओं पर दिया है। याची अधिवक्ता विजय गौतम का कहना है कि दरोगा रैंकर के 5389 पद विज्ञापित किये गये। नियमानुसार भर्ती में 50 फीसदी सीधी भर्ती व 50 फीसदी रैंकर की भर्ती की जाती है। दरोगा पद की भर्ती के विज्ञापन के आधार पर 15 मार्च को लिखित परीक्षा हुई तथा 22 जून को परिणाम घोषित किया गया। कुल 3891 लोगों को सफल घोषित किया गया। शेष 1498 पद रिजर्व रख लिए गये हैं। याची का कहना है कि कुल रिक्तियां वर्ष 2000 से 2008 तक के खाली पदों की निकाली गयीं। याची का कहना है कि वर्ष 2008 की नियमावली के आधार पर 2008 से पहले के रिक्त पदों की भर्ती नहीं की जा सकती। यह भर्ती पुरानी नियमावली के तहत की जानी चाहिए। दूसरे परीक्षा में नौ प्रश्नों के गलत उत्तर दिये गये थे। ऐसे में घोषित परिणाम दोषपूर्ण होने के कारण रद होने योग्य है। याचिका में घोषित परिणाम को रद करने की मांग की गयी है। न्यायालय ने कहा है कि यदि कोई भर्ती की जाती है तो वह याचिका के निर्णय पर निर्भर करेगी(राष्ट्रीय सहारा,इलाहाबाद,6.7.11)।

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