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04 जुलाई 2011

यूपी में नए शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की जरूरत पर सवाल

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने राज्य सरकार से वर्ष 2012-13 में प्रदेश में नए शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान खोलने और उन्हें मान्यता देने की जरूरत के बारे में जानकारी मांगी है। इस संबंध में एनसीटीई के उपाध्यक्ष एसवीएस चौधरी ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 के परिप्रेक्ष्य में राज्यों में शिक्षकों की जरूरत को देखते हुए एनसीटीई ने यह जानकारी तलब की है ताकि नए शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को खोले जाने और उन्हें विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करने की मान्यता दिए जाने के बारे में नीति निर्धारित की जा सके। अध्यापक शिक्षा से जुड़े बीएड, एमएड, डीपीएड, बीपीएड, एमपीएड, डीएलएड, डीईसीएड जैसे पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए कॉलेजों को एनसीटीई मान्यता देता है। तेजी से खुलते जा रहे शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। इसलिए एनसीटीई ने वर्ष 2011-12 के दौरान सार्वजनिक सूचना जारी कर कई राज्यों में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता देने पर रोक लगा दी थी। प्रदेश में प्रशिक्षित शिक्षकों की जबर्दस्त कमी को देखते हुए शासन ने पिछले साल एनसीटीई से मांग की थी वर्ष 2011-12 के लिए वह बीएड व अध्यापक शिक्षा से जुड़े अन्य पाठ्यक्रमों के लिए राज्य में मान्यता देना शुरू कर दे। शिक्षा के अधिकार के संदर्भ में शिक्षकों की कमी को देखते हुए एनसीटीई ने नए शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को खोलने और उन्हें मान्यता देने के बारे में नीति निर्धारित करने की जरूरत महसूस कर रहा है। वर्ष 2012-13 में शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के संचालन की मान्यता देने के लिए एनसीटीई पहली अगस्त से 30 सितंबर तक इच्छुक संस्थाओं से आवेदन प्राप्त करेगा, इसलिए उसने राज्य सरकार का पक्ष जानना चाहा है(दैनिक जागरण,लखनऊ,4.7.11)।

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