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18 जुलाई 2011

मध्यप्रदेशःनिजी कॉलेजों में बन गए कियोस्क

पिछले साल शुरू हुई ऑनलाइन ऑफ कैंपस काउंसलिंग में निजी कॉलेजों में कियोस्क नहीं बनाए गए थे ताकि छात्र अपनी मर्जी से संस्थान चुन सकें। इस साल एमपीऑनलाइन ने साइबर कैफे के अलावा निजी कॉलेजों में भी कियोस्क खोलने की मंजूरी दे दी गई है। शिक्षण शुल्क माफी योजना के तहत बीई के लिए चॉइस फिल हो चुकी है और एमबीए, एमसीए और पीजीडीएम के लिए 13 जुलाई से चॉइस फिलिंग शुरू हो चुकी है।


इनमें से कुछ संस्थानों को उन्हीं नामों से कियोस्क सूची में रखा गया है जबकि कुछ संस्थानों के नाम बदले गए हैं। इन्हें पते से चिन्हित किया जा सकता है। पूरे प्रदेश में इस तरह कई निजी कॉलेजों को एमपीऑनलाइन ने अपना कियोस्क बनाया है। शहर में एक्रोपोलिस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च और स्कोप कैंपस में बना आइसेक्ट कियोस्क इनमें शामिल हैं।
ये हैं नियम
निजी कॉलेजों को छोड़कर कोई भी व्यक्ति कियोस्क बना सकता है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधी कुछ मापदंड पूरे करने जरूरी होते हैं।

कियोस्क
एक ऐसी जगह जहां एमपी ऑनलाइन की सभी सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं।

ये हो सकती है गड़बड़ी
यदि निजी कॉलेजों में कियोस्क बनेंगे तो वे छात्रों को अपने कॉलेज में दाखिला लेने के लिए गुमराह कर सकते हैं। चॉइस फिल के दौरान वह गड़बड़ी कर छात्र द्वारा बताए किसी भी संस्थान की जगह अपने संस्थान का नाम भर सकते हैं। ऐसी गड़बड़ियां पिछले साल सामने भी आई थीं।

ये होना चाहिए
निजी कॉलेजों को कियोस्क न बनाकर ऐसे संस्थानों या साइबर कैफे को कियोस्क बनाएं जो निरपेक्ष रूप से काउंसलिंग करा सकें।

छात्र बरतें सावधानी
- निजी कॉलेजों के कियोस्क जानें से बचें।
- यदि इन कियोस्क का उपयोग करना ही पड़े तो केवल शुल्क भुगतान के लिए करें ना कि जानकारियां भरने में।
- जानकारियां और चॉइस खुद फिल करें। कियोस्क संचालक के भरोसे न छोड़ें।
- हर प्रक्रिया के बाद प्रिंट आउट जरूर लें।
- किसी के भी दबाव में आकर जानकारी या चॉइस न भरें। यह निर्णय खुद लें।

एक नजर 
काउंसलिंग से इनमें मिलेगा दाखिला: बीई, बीफार्मा, एमई-एमटेक, एमबीए, एमसीए, पीजीडीएम
कुल निजी संस्थान : 500 से ज्यादा 
सीटें : 1 लाख 20 हजार
कुल कियोस्क : 3000 से ज्यादा
भोपाल में कियोस्क : 50 से ज्यादा(श्रद्धा जैन,दैनिक भास्कर,भोपाल,18.7.11)

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