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06 जुलाई 2011

भोपाल के ज़्यादातर कॉलेजों में पीजी में किसी ने नहीं लिया दाखिला

राजधानी के ज्यादातर कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस में एक भी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है। इसकी वजह है छठवें सेमेस्टर की परीक्षाओं का अब तक नहीं होना। इधर एडमिशन की आखिरी तारीख बीत जाने के कारण कई कॉलेजों में सभी सीटें खाली हैं, न तो कॉलेज और न ही छात्र समझ पा रहे हैं कि वे क्या करें? अब कॉलेजों के सामने विषय समाप्त होने का खतरा मंडराने लगा है।

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी अकादमिक कैलेंडर के अनुसार हर साल की तरह इस साल भी कॉलेजों में एडमिशन की आखिरी तारीख 30 जून निर्धारित की गई थी। विभाग हर साल इसे 14 अगस्त तक बढ़ा देता था, लेकिन इस बार विभाग ने तारीख बढ़ाने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। इस सिलसिले में कमिश्नर उच्च शिक्षा ने पिछले दिनों उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव को प्रस्ताव भी भेजा था, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया। ज्यादातर कॉलेजों में प्रवेश न होने से प्राचार्य अब विभाग के अगले आदेश का इंतजार कर रहे हैं।

ये था आदेश
वर्ष 2007 में तत्कालीन उच्च शिक्षा आयुक्त आशीष उपाध्याय ने आदेश जारी किए थे कि जिस कॉलेज में संबंधित विषय में दस से कम छात्रों के एडमिशन होंगे, वहां से संबंधित विषय हटा दिया जाएगा।

असमंजस में प्रिंसिपल

ऐसे कॉलेज जहां एडमिशन नहीं हुए हैं, वहां के प्रिंसिपल असमंजस की स्थिति में हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि पीजी कक्षाओं में एडमिशन के लिए जिन छात्रों ने आवेदन किए हैं, अब उनका क्या करें। प्रिंसिपल अब उम्मीद कर रहे हैं कि विभाग इस समस्या से निपटने में उनकी मदद करेगा और इस बारे में जल्द कोई आदेश जारी करेगा। वहीं आवेदन देने के बाद छात्र भी अब प्रिसिंपल पर ही एडमिशन करने के लिए दबाव बना रहे हैं। प्रिंसिपल भी अपने ही कॉलेज के छठवें सेमेस्टर में पढ़ने वाले छात्रों को पीजी में एडमिशन के लिए प्राथमिकता देना चाहते हैं।

रुझान भी हुआ कम 
हमीदिया कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल एमसी सक्सेना के मुताबिक अब पीजी के पारंपरिक विषयों की बजाय व्यावसायिक कोर्सेस को लेकर छात्रों का रुझान ज्यादा है। इसके चलते भी पीजी में सीटें खाली रहने लगी हैं(अभिषेक दुबे,दैनिक भास्कर,दिल्ली,6.7.11)।

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