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03 जुलाई 2011

लखनऊ विविःआरक्षित वर्ग में भी खाली रह गयीं दर्जनों सीटें

लखनऊ विविद्यालय में स्नातक की काउंसलिंग में शनिवार को आरक्षित वर्ग में भी दर्जनों सीटें खाली रह गयी हैं। बीए आनर्स के चारों विषयों में प्रवेश को लेकर छात्रों की बेरुखी साफ दिखी। अनुसचित जाति व जनजाति के छात्रों ने जीरो फीस में प्रवेश की सुविधा के बाद भी दाखिला लेने से कन्नी काटे रहे। नतीजतन बीए आनर्स अंग्रेजी में ओबीसी की 8, एससी की 6 व एसटी की तीन सीटें खाली रही। दर्शनशास्त्र आरक्षित श्रेणी में ओबीसी की 16, एससी की 12 व एसटी की तीन, समाज कार्य में क्रमश: 9, 8 व तीन तथा मनोविज्ञान में 12 सीटें खाली रह गयी हैं। इसी प्रकार बीबीए के बीएमएस पाठ्यक्रम में 17 सीटें खाली रह गयी। सामान्य श्रेणी की शुक्रवार को काउंसलिंग में 20 सीटें खाली रह गयी थी। स्ववित्तपोषित श्रेणी में 60 फीसद सीटें खाली रहने की स्थिति में पाठ्यक्रम को बंद करना पड़ सकता है। बीबीए में भी अनुसूचित जनजाति वर्ग की एक सीट खाली रह गयी। बीबीए आईबी में तीन सीटें व बीबीए पर्यटन में 30 में 25 6सीटें खाली रह गयी हैं। बीकाम आनर्स व एलएलबी आनर्स में चयनित छात्रों के अलावा द्वितीय प्रतीक्षा सूची तक जाने के बाद सीटें तो फुल हो पायीं। उधर विविद्यालय में रविवार को काउंसलिंग में बीकाम की साढ़े तीन सौ सीटों को भरा जाएगा। इसमें ढाई सौ सीटें नियमित पाठ्यक्रम व 75 सीटें स्ववित्तपोषित कोर्स की हैं। बीकाम की काउंसलिंग के पहले दिन सिर्फ सामान्य श्रेणी ओपन मेरिट के छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। इसी दिन ओपन प्रतीक्षा सूची से रिक्त सीटें भरी जाएगी। विविद्यालय में काउंसलिंग में खाली सीटों को भरने के लिए सभी को 15 जुलाई तक इंतजार करना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि इस दौरान छात्र डिग्री कालेजों की ओर रुख कर सकते हैं और सिर्फ जुगाड़ू छात्रों को ही पन्द्रह दिनों तक प्रवेश के लिए इंतजार रहेगा(राष्ट्रीय सहारा,लखनऊ,3.7.11)।

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