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07 जुलाई 2011

छत्तीसगढ़ःपढ़े लिखे एसपीओ की पुलिस में भर्ती तय

सुप्रीम कोर्ट का आदेश मिलने के साथ ही राज्य सरकार ने एसपीओ से हथियार वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिए गए। इसके साथ ही सरकार नक्सल मोर्चे पर एसपीओ को बनाए रखने के तमाम उपायों पर विचार कर रही है।

पढ़े-लिखे एसपीओ को पुलिस में सीधी भर्ती तकरीबन तय है। हालांकि सभी की भर्ती नहीं हो सकती लेकिन, पांचवीं या आठवीं पास युवकों को पुलिस में लेने के विकल्पों पर बात की जा रही है। सभी एसपीओ पुलिस में शामिल करने के लिए नियम बदलने पर भी विचार हो रहा है।

एसपी को नक्सल मोर्चे से हटाने का सबसे बड़ा नुकसान सुरक्षा बलों को हो सकता है। वजह जंगल और नक्सल प्रभावित इलाकों की भौगोलिक स्थितियों से वाकिफ होने के कारण एसपीओ पुलिस बल के सबसे बड़े मददगार हैं। फिलहाल राज्य में नक्सल ऑपरेशन में 4500 एसपीओ लगे हुए हैं।

इनमें से जिनके पास शैक्षणिक योग्यता नहीं होगी उन्हें ट्रैफिक और आपदा राहत के कामों में लगाया जा सकता है।

मोर्चे से हटना शुरू

डीजीपी विश्वरंजन ने बस्तर के सारे पुलिस अधीक्षकों के साथ मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में स्थिति की समीक्षा की। बाद में उन्होंने कहा कि एसपीओ को फौरन नक्सल मोर्चे से हटाया जा रहा है। हथियार भी वापस लेने को कह दिया गया है। थानों में एसपीओ के हथियार जमा करने का काम शुरू भी कर दिया गया।


डीजीपी ने सभी पुलिस अधीक्षकों को एसपीओ की शैक्षणिक योग्यता और उनकी अन्य खूबियों के बारे में विस्तृत जानकारी जमा करने के निर्देश दिए हैं। सरकार के अगले आदेश तक पुलिस को एसपीओ के उपयोग के बारे में तटस्थ रहने के लिए कहा गया है। 

मुख्यमंत्री ने भी की समीक्षा

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुधवार शाम निवास में राज्य शासन और पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अफसरों के साथ पूरे मामले पर विस्तार से चर्चा की। विधि विशेषज्ञों की राय के अनुसार सरकार इस मामले में आगे बढ़ेगी।

कैसे सेवाएं लें, इस पर विचार 

"कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है। एसपीओ का आगे किस तरह उपयोग किया जाना है, यह विचार का विषय है। कोर्ट के आदेश का अक्षरश: पालन होगा।"

एनके असवाल, प्रमुख सचिव, गृह विभाग(दैनिक भास्कर,रायपुर,7.7.11)

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