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11 जुलाई 2011

राजस्थान यूनिवर्सिटी के हॉस्टलर्स को मिलेगी यूनिक आईडी

राजस्थान यूनिवर्सिटी स्थित हॉस्टल्स के स्टूडेंट्स को अब एक यूनिक आई डी मिलने वाली है। इससे आउट साइडर्स के हॉस्टल्स में आने-जाने में तो लगाम लगेगी, स्टूडेंट्स को बड़े फायदे भी होंगे। सत्र 2011-12 से मिलने वाले आई डी कार्ड को हॉस्टल-वाइज बनाया जाएगा।
इससे किसी भी हॉस्टल के स्टूडेंट्स को पहचाने में मदद मिलेगी और कैम्पस के बाहर दुर्घटना आदि होने पर जल्दी पहचान हो सकेगी। वर्तमान में स्टूडेंट्स के पास सिर्फ राजस्थान यूनिवर्सिटी का ही कार्ड होने से हॉस्टलर्स की अलग से पहचान नहीं है।
दूसरी ओर चीफ वार्डन कार्यालय की ओर से नई गाइड लाइन भी जारी की गई है। इससे हॉस्टल्स में होने वाली असामाजिक गतिविधियों में लगाम लगेगी। वहीं सबकुछ ठीक रहा तो कैम्पस में बॉयज के लिए एक नया हॉस्टल भी जल्दी मिलेगा।

यह होगा आईडी में : आई डी में स्टूडेंट का ब्लड ग्रुप, स्टूडेंट, वार्डन और लोकल गार्जन का टेलीफोन नंबर, क्लास और हॉस्टल का नाम अंकित किया जाएगा। हॉस्टल-वाइज अलग से आई डी बनने से कैम्पस के बाहर स्टूडेंट्स के साथ कोई दुर्घटना होने पर उसे काफी मदद मिलेगी।
साथ ही उसके हॉस्टल का भी पता आसानी से चल पाएगा। इससे बाहरी स्टूडेंट्स आसानी से किसी भी हॉस्टल में आ-जा नहीं सकेंगे। सभी हॉस्टल की अलग से आई डी होने से हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स के साथ आउटसाइडर्स में भी डर बढ़ेगा और वार्डन की जिम्मेदारी बढ़ेगी।
सुरक्षा को बढ़ाने के लिए स्टूडेंट्स को नई आईडी जारी की जा रही है, जो हॉस्टल वाइज होगी।
प्रोफेसर आर.एल. गोदारा, चीफ वार्डन बॉयज(विजय सिंह,दैनिक भास्कर,जयपुर,11.7.11)

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