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19 जुलाई 2011

जामिया के वीसी ने सख्त किए नियम, अब बंकिंग मुश्किल

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में क्लास बंक करने वाले स्टूडेंट्स की राह काफी मुश्किल होने जा रही है। क्लास अटेंड न करने वाले स्टूडेंट्स का एग्जाम में बैठना अब आसान नहीं होगा। जामिया में सोमवार से नया सेशन शुरू हो गया है और अटेंडेंस के नए रूल्स का मॉडल भी तैयार कर लिया गया है। यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नजीब जंग ने बताया कि अब जामिया में 80 पर्सेंट हाजिरी का नियम लागू होने जा रहा है। अब तक एग्जाम में बैठने के लिए 75 पर्सेंट हाजिरी जरूरी थी।

80 पर्सेंट हाजिरी की शर्त से स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई को लेकर और गंभीर होंगे और क्लास टीचिंग की क्वॉलिटी में भी सुधार होगा। वीसी ने कहा कि वे जल्द ही सभी स्टूडेंट्स को इस नियम के बारे में बताएंगे। इस बार जो भी स्टूडेंट क्लास में नहीं आएगा, उसे एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। नए नियम को मंजूरी के लिए जल्द ही मंजूरी के लिए यूनिवसिर्टी की ऐकडेमिक काउंसिल में रखा जा रहा है।

वाइस चांसलर ने बताया कि पिछले साल तक स्पेशल केस में स्टूडेंट्स को हाजिरी में 15 पर्सेंट तक की रियायत मिल जाती थी यानी अगर स्टूडेंट काफी बीमार है तो मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर 60 पर्सेंट हाजिरी पर भी वह एग्जाम दे सकता था। अब सेशन 2011-12 में गंभीर रूप से बीमार स्टूडेंट्स को हाजिरी में 10 पर्सेंट तक की छूट मिल सकती है। मेडिकल सर्टिफिकेट को लेकर भी यूनिवर्सिटी जरूरी कदम उठा रही है।

देखने में आ रहा था कि स्टूडेंट्स फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट भी बनवा लाते थे लेकिन इस बार स्टूडेंट्स के मेडिकल सटिर्फिकेट की खास पड़ताल होगी। स्टूडेंट्स को अपना मेडिकल सर्टिफिकेट यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर से वेरिफाई करवाना होगा। इसके अलावा यूनिवर्सिटी कुछ हॉस्पिटल के नाम स्टूडेंट्स को बताएगी, जहां का मेडिकल सटिर्फिकेट मान्य होगा। वीसी ने कहा कि यूनिवसिर्टी ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट के मामले में कुछ डॉक्टरों के खिलाफ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत भी दर्ज करवाई है।

हाजिरी को लेकर यूनिवर्सिटी कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्टूडेंट्स की रिपोर्ट उनके पैरंट्स को भी दी जाएगी। वीसी नजीब जंग ने बताया कि सेशन के अंत में स्टूडेंट्स आते हैं कि उन्हें कम हाजिरी के बारे में नहीं पता चला और कई तरह के बहाने बनाते हैं।

इस समस्या से निपटने के लिए यूनिवर्सिटी हर महीने स्टूडेंट्स को तो उनकी हाजिरी रिपोर्ट के बारे में बताएगी ही, साथ ही उनके पैरंट्स को भी सूचित किया जाएगा। वीसी ने कहा कि जामिया में एजुकेशन के स्टैंडर्ड को बेहतर से बेहतर बनाना ही उनका खास मकसद है और इसे पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

जामिया को इंटरनैशनल लेवल की यूनिवर्सिटी बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है और इसके लिए जरूरी है कि क्लासरूम टीचिंग और रिसर्च का स्टैंडर्ड टॉप क्लास का हो। टीचर्स को भी अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभानी होगी और उन्हें भी हर क्लास को गंभीरता से लेना होगा।


पिछले सेशन में यूनिवर्सिटी ने 200 से अधिक स्टूडेंट्स को कम हाजिरी के चलते एग्जाम में नहीं बैठने दिया था। इन स्टूडेंट्स ने कोर्ट में भी गुहार लगाई थी लेकिन वहां पर भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी। 

"अब जामिया में 80 पर्सेंट हाजिरी का नियम लागू होने जा रहा है। अब तक एग्जाम में बैठने के लिए 75 पर्सेंट हाजिरी जरूरी थी। 80 पर्सेंट हाजिरी की शर्त से स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई को लेकर और गंभीर होंगे और क्लास टीचिंग की क्वॉलिटी में भी सुधार होगा। वे जल्द ही सभी स्टूडेंट्स को इस नियम के बारे में बताएंगे। इस बार जो भी स्टूडेंट क्लास में नहीं आएगा, उसे एग्जाम में बैठने नहीं दिया जाएगा। नए नियम को मंजूरी के लिए जल्द ही मंजूरी के लिए यूनिवर्सिटी की ऐकडेमिक काउंसिल में रखा जा रहा है।"- नजीब जंग, वाइस चांसलर, जामिया मिल्लिया इस्लामिया(भूपेंद्र,नवभारत टाइम्स,दिल्ली,19.7.11)

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