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05 जुलाई 2011

लखनऊ विविःफीस कन्फर्मेशन में फंसे बीएड छात्रों की परीक्षा अटकी

लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित बीएड काउंसलिंग में फीस कन्फर्मेशन रसीद प्रकरण का शिकार बने छात्रों की परीक्षा का मामला खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद परीक्षा कराने को लेकर विश्वविद्यालयों का रुख साफ नहीं है। वहीं, लविवि ने विश्वविद्यालयों को बीएड में काउंसलिंग कराने वाले अभ्यर्थियों की जो सूची भेजी है उसमें फीस कन्फर्मेशन के चलते जिन अभ्यर्थियों के एडमिशन निरस्त हुए हैं उनका नाम नहीं है। इसके चलते विश्वविद्यालय इन छात्रों की परीक्षा कराने से इन्कार कर रहे हैं। सोमवार को कानपुर विश्वविद्यालय एवं फैजाबाद विश्वविद्यालय से संबद्घ कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले कई अभ्यर्थियों ने लविवि प्रशासन से इस संदर्भ में निर्देश भेजने की गुहार लगाई। हालांकि उनको कोई समुचित जवाब नहीं मिल सका। बीएड की पहली काउंसलिंग में शामिल हजारों अभ्यर्थियों की सीटें इस आधार पर निरस्त कर दी गयी थी कि उन्होंने सीट अलॉटमेंट के बाद फीस/सीट कन्फर्मेशन रसीद नहीं ली थी। इनके स्थान पर दूसरे अभ्यर्थियों को सीटें अलॉट कर दी गयी। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट में गया। महीनों तक अदालत में मामला खिंचने के बाद हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस की बेंच ने लखनऊ विश्वविद्यालय को सभी छात्रों की परीक्षा कराने का आदेश दिया था। बावजूद इसके हजारों छात्र हाईकोर्ट का आदेश लेकर विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक भवन का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सोमवार को छात्रों ने लविवि के रजिस्ट्रार को दिए ज्ञापन में कहा है कि लविवि की सूची में उनका नाम न होने से कॉलेज व विवि उनका परीक्षा फार्म नहीं भरा रहे हैं। इसलिए हाईकोर्ट के आदेश के अनुक्रम में प्रवेशित अभ्यर्थियों की लिस्ट में उनका नाम भी शामिल कराया जाए। वहीं रजिस्ट्रार जीपी त्रिपाठी ने नीतिगत मामला बताते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया(अमर उजाला,लखनऊ,5.7.11)।

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