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05 जुलाई 2011

डीयू में आए चेंज अच्छे या बुरे?

डीयू में इस बार काफी बदलाव किए गए हैं। एडमिशन प्रोसेस से लेकर स्टडी सिस्टम तक, सब बदल चुका है। इन सब बदलावों का सबसे ज्यादा असर स्टूडेंट्स पर ही पड़ने वाला है। नए एडमिशन प्रोसेस तो स्टूडेंट्स फेस कर ही रहे हैं, पर नए सेमेस्टर सिस्टम पर स्टूडेंट्स का क्या रिएक्शन होगा नहीं पता। क्या सोचते हैं सेमेस्टर सिस्टम पर डीयू के स्टूडेंट्स, पता लगाया साक्षी किचलू और मोहित कुमार ने :

छह महीने में रिजल्ट, अच्छा है

सेमेस्टर सिस्टम अच्छा है क्योंकि इसमें स्टूडेंट्स को छह महीने बाद ही उनकी प्रोग्रेस का पता चल जाता है। इससे वह आने वाले पेपर्स में अपनी गलतियां सुधार सकते हैं। पहले मिड टर्म होते थे पर स्टूडेंट्स उन पर इतना ध्यान नहीं देते थे। यह स्टूडेंट्स के अच्छे भविष्य की तरफ अच्छा कदम है। - याने गुप्ता

सेमेस्टर कम करता है टेंशन

सेमेस्टर सिस्टम स्टूडेंट्स के ऊपर से तनाव कम करने का बहुत अच्छा तरीका है। इससे बच्चों पर ज्यादा स्ट्रेस नही पडे़गा और वह हर सब्जेक्ट को बराबर टाइम दे पाएंगे। यह स्टूडेंट्स की भलाई की तरफ एक अच्छा कदम है। स्टूडेंट्स को अपने शेड्यूल से टाइम मिल पाएगा और प्लान करके पढ़ाई कर पाएंगे। स्टूडेंट्स को पता होगा कि छह महीनों में कितने सब्जेक्ट पढ़ने हैं और कैसे पढ़ने हैं। - विनीता

बार-बार एग्जाम, बहुत खराब


मेरे हिसाब से सेमेस्टर सिस्टम अच्छा नहीं है क्योंकि इसमें बच्चों को बार-बार एग्जाम देने पड़ते हैं। हर छह महीने में एग्जाम से स्टूडेंट्स को और चीजों पर ध्यान देने का टाइम नहीं मिल पाएगा। इसके साथ स्टूडेंट्स को कैंपस लाइफ एन्जॉय करने का मौका नहीं मिल पाता। कॉलेज लाइफ सिर्फ पढ़ाई के लिए नहीं होती, स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज का मतलब मस्ती भी है। - साजन सिंह 

पढ़ो और भूल जाओ , ठीक नहीं 

डीयू में सेमेस्टर सिस्टम लाना स्टूडेंट्स के लिए अच्छा नहीं है। सेमेस्टर सिस्टम में स्टूडेंट्स एक बार ही एग्जाम देते हैं और छह महीने बाद वही चीज भूल जाते हैं। एक टाइम के बाद स्टूडेंट्स के लिए नॉलेज मेटर करती है। पर जब तक वह ग्रैजुएशन पास करेंगे शायद सब भूल चुके होंगे। सेमेस्टर सिस्टम की वजह से स्टूडेंट्स की नॉलेज पर फर्क पड़ेगा। - अश्वनी(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,4.7.11) 

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