इस बार कॉलेज में अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन लेने वक्त छात्रों को विशेष रूप से दस्तावेज के सत्यापन व उससे संबंधी प्रश्नों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं यदि छात्र ने हरियाणा बोर्ड के अतिरिक्त किसी अन्य प्रदेश या दूसरे बोर्ड से बारहवीं परीक्षा पास की है तो उसके लिए पूछताछ और बढ़ रही है।
यह सारी कवायद कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी की ओर से फर्जी दस्तावेज से एडमिशन रोकने संबंधी कॉलेजों को दिए निर्देश के तहत है। सिटी के कॉलेजों में फर्जी दस्तावेज से एडमिशन रोकने के लिए कॉलेज छात्रों के दस्तावेज को ज्यादा गहनता से जांच रहे हैं। बाहरी बोर्ड के छात्रों के सर्टिफिकेट व अन्य दस्तावेज पर विशेष नजर रखी जा रही है।
यूनिवर्सिटी की ओर से फर्जी दस्तावेज के आधार पर एडमिशन पर नकेल कसने के लिए यह कदम उठाया गया है। यूनिवर्सिटी की ओर से कहा गया कि यदि किसी कॉलेज में यदि फर्जी दस्तावेज के आधार पर एडमिशन होते हैं तो इसके लिए कॉलेज प्राचार्य सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
कई कॉलेज फर्जी दस्तावेज से एडमिशन रोकने के लिए सर्टिफिकेट के साथ ही विद्यार्थियों से शपथ पत्र भी जमा करवा रहे हैं जिसमें यह लिखवाया जा रहा कि यदि दस्तावेज में गड़बड़ी या अन्य कारण साबित होता है तो उनका एडमिशन रद्द माना जाएगा।
वहीं कुछ कॉलेज फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर एडमिशन से बचने के लिए विद्यार्थियों द्वारा उसी विद्यालय से सर्टिफिकेट की सत्यापित प्रति ले रहे हैं जिससे उसने अपने बारहवीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की है।
इतनी आसान नहीं दस्तावेजों की जांच
यूनिवर्सिटी के निर्देश और प्राचार्यो की दिखाई जा रही चुस्ती के बावजूद एडमिशन के लिए नियुक्त किए गए प्रोफेसर का मानना है कि दस्तावेज की जांच इतनी आसान नहीं है। कुछ प्रोफेसर दबी जुबान में यह कह रहे हैं कि पहली नजर में कोई ऐसा तरीका नहीं है जिससे की सर्टिफिकेट के नकली होने का पता लगाया जा सके। हालांकि कॉलेज की ओर से 50 रुपए का शपथ पत्र भेजकर संबंधित विश्वविद्यालय या बोर्ड से सर्टिफिकेट की सत्यता जांचने का विकल्प भी कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी ने सुझाया है लेकिन इस पूरी प्रकिया में समय लगेगा।
हमारे यहां फर्जी दस्तावेज पर एडमिशन पर रोक लगाने के तहत छात्राओं से शपथ पत्र लिया जा रहा है जिसमें दस्तावेज के गलत या इससे संबंधित कारण पाए जाने पर एडमिशन के रद्द होने की बात का उल्लेख किया गया है। दस्तावेजों को बहुत ही ध्यान से देखा जा रहा है।""
डा. किरण आंगरा, प्रिंसिपल, एमडीएसडी गल्र्स कालेज, अम्बाला सिटी।
कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के निर्देशानुसार एडमिशन के लिए नियुक्त किए गए प्रोफेसर पर बाहरी राज्यों व अन्य बोर्ड के सर्टिफिकेट को जांचने के लिए विशेष रूप से कहा गया है जिससे फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर दाखिला लेने वालों पर नकेल कसी जा सके।""
डा. प्रदीप शर्मा स्नेही, प्रिंसिपल, एसए जैन कालेज, अम्बाला सिटी(दैनिक भास्कर,अम्बाला,4.7.11)।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।