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10 जुलाई 2011

मध्यप्रदेशःछह होम्योपैथी कॉलेजों की मान्यता संकट में

प्रदेश के छह होम्योपैथी कालेजों पर मान्यता की तलवार लटक गई है। इनमें एक सरकारी व पांच निजी कालेज हैं। सेंट्रल काउंसिल आफ होम्योपैथी (सीसीआईएच) ने इन कालेजों को मापदण्ड पूरा करने के लिए 45 दिन की मोहलत देकर नामांकन पर रोक लगा दी है। यह जानकारी सीसीएच के अध्यक्ष डा. रामजी सिंह ने यहां रविन्द्र भवन में चल रहे प्रदेश के पहले अंतरराष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा व अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा एवं आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने की। सम्मेलन का आयोजन न्यू लाईफ एजुकेशन सोसायटी व साहस एनजीओ ने मिलकर किया था। शुरू में सोसायटी के अध्यक्ष व सीसीएच के सदस्य डा. मोहम्मद जकारिया ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम को सीसीएच के सचिव डा. ललित वर्मा, पूर्व अध्यक्ष डा.एसपीएस बख्शी, नीदरलैण्ड के डा.रोजर वान ने भी संबोधित किया। इस दौरान सीसीएच के अध्यक्ष रामजी सिंह ने प्रदेश भर में संचालित निजी व सरकारी होम्योपैथी कालेजों के मापदण्डों को लेकर कई सवाल उठाए। राजधानी के तीन, इंदौर, धार एवं जबलपुर के एक-एक कालेज को मापदण्ड पूरा करने के लिए डेढ़ महीने का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि सीसीएच ने प्रदेश के कालेजों में संसाधनों का पुनर्मूल्यांकन कराया है, जिसमें कई बड़े फर्जीवाड़े सामने आए हैं। जो कालेज अभी तक अपने भवन में चल रहे थे अचानक किराए पर चलने लगे हैं। उन्होंने कहा कि कालेजों में सीसीएच की टीम जब निरीक्षण करने पहुंचती है तो कुछ और दिखाया जाता है पर स्थिति कुछ और होती है। सरकार को चाहिए कि इस तरह की धोखाधड़ी करने वाले कालेजों के खिलाफ एफआईआर कराएं। सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र हार्डिया ने कहा कि आयुष का बजट पिछले साल की तुलना में इस साल 40 फीसदी बढ़ा दिया गया है(दैनिक जागरण,भोपाल,10.7.11)।

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