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12 जुलाई 2011

यूपीःदाखिले बाद सीपीएमटी काउंसिलिंग में शामिल होने पर सवाल

बीएचएमएस और बीएएमएस में प्रवेश पा चुके छात्रों के सीपीएमटी (कंबाइंड प्री मेडिकल टेस्ट) काउंसिलिंग में शामिल होने पर सवाल उठने लगे हैं। चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने इसके लिए क्या व्यवस्था की है, काउंसिलिंग से पहले अभ्यर्थियों ने यह गंभीर सवाल उठाया है। सीपीएमटी काउंसिलिंग 14 जुलाई से प्रदेश के चार केंद्रों पर होनी है। डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन का काम 12 व 13 जुलाई को होगा। आरोप है कि बीते वर्षो में काउंसिलिंग के दौरान नियमों की अनदेखी होती आई है और बीएएमएस और बीएचएमएस की पढ़ाई कर रहे छात्र भी सीपीएमटी काउंसिलिंग में शामिल हो जाते हैं। हालांकि नियम है कि बीएएमएस और बीएचएमएस में प्रवेश पा चुके छात्र यदि 90 दिनों के अंदर अपनी सीट नहीं छोड़ते तो वे अगले साल सीपीएमटी की काउंसिलिंग के लिए अर्ह नहीं होंगे। इस नियम का उल्लेख सीपीएमटी के प्रॉस्प्रेक्टस में भी किया गया है। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया है कि हर साल काउंसिलिंग में 40-50 ऐसे अभ्यर्थी शामिल होते हैं, जो पहले से किसी मेडिकल कॉलेज में पढ़ रहे हैं। एमबीबीएस में चयन हो जाने पर कॉलेज से अपने अंकपत्र और प्रमाणपत्र निकलवा लेते हैं और काउंसिलिंग में दूसरे अभ्यर्थियों को उनके हक से वंचित कर देते हैं। काउंसिलिंग बोर्ड के पास भी कोई ऐसा अभिलेख मौजूद नहीं रहता, जिससे यह तय किया जा सके कि अभ्यर्थी ने पूर्व में प्रवेश ले रखा है या नहीं। अभ्यर्थियों की मांग है कि गलत तरह से प्रवेश पाने वाले छात्रों पर अंकुश लगाने के लिए सभी अभ्यर्थियों के नाम, पिता का नाम और जन्म तिथि का ब्योरा लेकर यह सुनिश्चित किया जाए कि वह बीते वर्षो में प्रवेश पा चुका है या नहीं(दैनिक जागरण,लखनऊ,12.7.11)।

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