मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

23 जुलाई 2011

JNU: ओबीसी के लिए हिट फॉर्म्युला

जेएनयू में पिछले साल ओबीसी की खाली सीटों को लेकर छात्र संगठनों ने काफी बवाल किया था लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने ओबीसी की कट ऑफ तैयार करने में नया फॉर्म्युले को अपनाया है। इसका असर भी नजर आने लगा है और ओबीसी की सारी सीटें भरने की संभावना भी बढ़ गई है।

पिछले नियमों के मुताबिक जनरल और ओबीसी कैंडिडेट की कट ऑफ में अधिकतम 10 पर्सेंट तक का गैप हो सकता है। जेएनयू में एडमिशन एंट्रेंस टेस्ट के बेस पर होते हैं। 100 नंबर के एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर पिछले साल तक कट ऑफ तैयार करने का जो फॉर्म्युला था, उसमें जनरल कैटिगरी के लास्ट एडमिशन से 10 पर्सेंट कम पर ओबीसी को एडमिशन दिया जाता था।

जैसे अगर जनरल के कैंडिडेट का लास्ट एडमिशन 60 मार्क्स पर हुआ था तो ओबीसी कैंडिडेट को 50 मार्क्स पर एडमिशन मिल सकता था। लेकिन इस बार यूनिवर्सिटी ने क्वॉलिफाइंग मार्क्स का फॉर्म्युला लागू किया है। जैसे बीए, एमए कोसेर्ज में 100 नंबर के एंट्रेंस टेस्ट में जनरल के लिए क्वॉलिफाइंग मार्क्स 30 रखे गए हैं और 30 का 10 पर्सेंट 3 मार्क्स होता है और इस हिसाब से ओबीसी कैटिगरी के लिए क्वॉलिफाइंग मार्क्स 27 हैं यानी इस बार ओबीसी कैंडिडेट को 27 मार्क्स पर भी एडमिशन मिल सकता है।

तय सीटों के हिसाब से यूनिवसिर्टी ने ओबीसी कैंडिडेट को सीट ऑफर कर दी हैं। एमफिल और पीएचडी में जनरल के लिए क्वॉलिफाइंग मॉर्क्स 40 हैं और ओबीसी के लिए 36 हैं। बीए कोसेर्ज में 323 सीटें हैं और 367 कैंडिडेट को सीट ऑफर की गई है, जिनमें से ओबीसी कैंडिडेट की संख्या 100 है यानी 27 पर्सेंट रिजर्वेशन की शर्त पूरी हो रही है।


इसी तरह से पीजी लेवल के कोर्सेज में 908 सीटों के लिए 1042 कैंडिडेट को सीट ऑफर की गई है, जिनमें ओबीसी के 282 कैंडिडेट हैं(नवभारत टाइम्स,दिल्ली,23.7.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।