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15 अगस्त 2011

डीयूःओबीसी दाखिले के लिए 10वीं कटऑफ लिस्ट!

दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार ग्रेजुएशन में दाखिले के लिए 10वीं कटऑफ लिस्ट जारी होने जा रही है। ओबीसी आरक्षण के चलते खाली पड़ी सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालय दाखिले के लिए अब तक छात्रों की राह देख रहा है।

विश्वविद्यालय में उपलब्ध ओबीसी की 14,580 सीटों के लिए पांच सामान्य और चार विशेष कटऑफ जारी होने के बाद भी बात बनती नजर नहीं आ रही है। कुलपति प्रो. दिनेश सिंह की मानें तो नौवीं कटऑफ के दाखिले 16 अगस्त तक चलेंगे और यदि फिर भी सीटें खाली रह जाएंगी तो और कटऑफ जारी की जाएगी। हालांकि कुलपति ने साफ कर दिया है कि अंतिम फैसला 16 अगस्त के बाद बची सीटों को देखते हुए होगा।

विश्वविद्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए सत्र के दाखिलों के लिए निर्धारित व्यवस्था के तहत 13 जुलाई तक पांच कटऑफ जारी कर सामान्य व ओबीसी श्रेणी के दाखिले किए जाने थे और इसके बाद ओबीसी की बची सीटें सामान्य श्रेणी को बीते सालों की तरह स्थानांतरित होनी थीं। लेकिन पहले मंत्रालय और फिर सर्वोच्च न्यायालय के रुख के बाद ओबीसी की सीटें सामान्य श्रेणी को स्थानांतरित करने की व्यवस्था खत्म हो गई।


इसी अनिवार्यता का पालन करने में जुटे विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से जारी 8वीं व 9वीं कटऑफ के जरिये ओबीसी की करीब 3500 सीटों को भरने का प्रयास जारी है लेकिन बहुत ज्यादा सफलता मिलती नहीं दिख रही है। कुलपति प्रो दिनेश सिंह की मानें तो पिछले कई सालों में ऐसा पहली बार हो रहा है कि डीयू के कॉलेजों में दाखिले के लिए अंक प्रतिशत 39 से 40 फीसदी तक गिरा है। 

छात्राओं के मोर्चे पर तो राजधानी कॉलेज में यह अंक प्रतिशत 38 प्रतिशत तक पहुंच गया है जबकि जाकिर हुसैन कॉलेज ने अपने यहां बंगाली और पर्शियन के लिए सभी योग्य उम्मीदवारों को दाखिले देने की घोषणा कर दी है यानी उनका बस बारहवीं पास होना भर जरूरी है। 

कुलपति ने कहा कि हमने ही कॉलेजों को यह छूट दी है कि वह ओबीसी की खाली सीटों को भरने के लिए अपने यहां अंक प्रतिशत अनिवार्य योग्यता तक ले जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस बार सीटें सामान्य व अन्य श्रेणी में परिवर्तित नहीं की जाएंगी। ऐसे में यदि सीटें खाली रहती हैं तो नई कटऑफ जारी करने का विकल्प खुला है।

नौवीं कटऑफ से भी नहीं हुई सीटें फुल

डीन छात्र कल्याण प्रो. जेएम खुराना की मानें तो फिलहाल यह जानकारी मिल रही है कि नौवीं कट ऑफ सूची के बाद भी सीटें नहीं भर पा रही हैं। प्रो. खुराना ने कहा कि जरूरत पड़ी तो विश्वविद्यालय और कट ऑफ सूची निकाल सकता है। उन्होंने बताया कि कॉलेजों को कहा गया है कि वे 16 अगस्त को ओबीसी की खाली सीटों का ब्योरा दें, जिसके आधार पर अगली कटऑफ का भविष्य तय होगा(शैलेन्द्र सिंह,दैनिक भास्कर,स्वतंत्रता दिवस,2011)।

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