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28 अगस्त 2011

पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटीः150 छात्रों की पीएचडी पर सवालिया निशान!

पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में प्रवेश परीक्षा दिए बिना पीएचडी कर रहे तकरीबन 150 छात्रों की डिग्री पर सवालिया निशान लग सकता है। डिग्री के लिए रविवि ने यूजीसी को पत्र लिखा था, लेकिन रिमाइंडर के बाद भी यूजीसी से कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में बिना एंट्रेंस एग्जाम दिए शोध कर रहे छात्र दुविधा में हैं।

पीएचडी के लिए यूजीसी ने जुलाई 2009 में एक रेगुलेशन जारी किया था जिसके मुताबिक पीएचडी में बिना प्रवेश परीक्षा दिए शोध का पंजीयन नहीं हो सकता। देश के ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने इसे स्वीकार करते हुए पीएचडी के रजिस्ट्रेशन पर ब्रेक लगा दिया, लेकिन पं.रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी में ऐसा नहीं हुआ।


यहां पर जुलाई 2009 से अप्रैल 2010 के बीच बिना एंट्रेस एग्जाम के तकरीबन 150 छात्रों को पीएचडी के लिए रजिस्टर कर दिया गया। बाद में विरोध और हंगामे के बाद सितंबर 2010 में पीएचडी में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया शुरू हुई। इस बीच बिना एंट्रेंस के रजिस्टर हो चुके छात्र विभिन्न विभागों में शोध में जुटे रहे। जब इन्होंने विवि प्रशासन से अपनी डिग्री के बारे में जानना चाहा तो विवि ने छह महीने के कोर्स वर्क में इन्हें शामिल कर लिया। 

इस संबंध में विवि के अधिकारियों का कहना है कि जिस समय रेगुलेशन आया उस समय छात्रों को रजिस्टर करने की प्रक्रिया चल रही थी। बिना ऑर्डिनेंस में बदलाव किए कुछ नहीं हो सकता था। बिना प्रवेश परीक्षा के रजिस्टर हुए छात्रों के लिए प्रवेश परीक्षा करना मुश्किल था। उन्हें छह महीने का कोर्स वर्क कराया जा रहा है। साथ ही इस संबंध में यूजीसी को पत्र लिखा गया है। ऐसे में यूजीसी के जवाब पर इन छात्रों का भविष्य अटक गया है। 

हमारी डिग्री का क्या होगा

यूजीसी के रेगुलेशन 2009 के आधार पर रजिस्टर नहीं हुए छात्रों का कहना है कि हम विभाग में शोध कार्य कर रहे हैं। समय और पैसे दोनों खर्च हो रहे हैं। इसके बाद भी समझ नहीं आ रहा है कि हमारी डिग्री यूजीसी के रेगुलेशन के आधार पर सही होगी या नहीं। हालांकि विवि अभी कोर्स वर्क करा रहा है।

सीधी बात: केके चंद्राकर, रविवि के कुलसचिव 

- सवाल : बिना एंट्रेंस के छात्रों को रजिस्टर्ड क्यों किया गया?

जवाब : ऑर्डिनेंस में संशोधन किए बिना किसी नियम को लागू नहीं किया जा सकता। इसी वजह से पीएचडी संबंधी यूजीसी के रेगुलेशन को लागू करने में समय लग गया। इस बीच छात्र पीएचडी के लिए रजिस्टर्ड हुए।

- सवाल : पीएचडी में रजिस्टर्ड हुए इन छात्रों का क्या होगा?

जवाब : उन्हें छह महीने का कोर्स वर्क कराया जा रहा है। 

- सवाल : इस विषय में यूजीसी से संपर्क किया गया?

जवाब : हां, उन्हें पत्र लिखा गया(दैनिक भास्कर,रायपुर,27.8.11)।

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