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21 अगस्त 2011

यूपीःपूरी परीक्षा 157 में, एक विषय की 207 रुपये में

माध्यमिक शिक्षा परिषद् की बोर्ड परीक्षा के शुल्क का गणित इस बार काफी पेचीदा हो गया है। पूरी परीक्षा और एक विषय की परीक्षा शुल्क में भारी अंतर है। यह अंतर छात्र और अभिभावकों के गले नहीं उतर रहा है, वहीं प्रधानाचार्य भी इसका जवाब देने से परेशान हैं।
यूपी बोर्ड के नियम भी अजीब है, इंटर में जहां पांच विषयों के 10 पेपर 157 रुपये में होते हैं वहीं एक विषय का परीक्षा का शुल्क 207 रुपये निर्धारित किया गया है। इसी तरह हाईस्कूल की परीक्षा में भी एक विषय की परीक्षा फीस 207 रुपये और पूरी परीक्षा का शुल्क 107 रुपये है।
जेब पर पड़ रहा भारी

बोर्ड की बदली परीक्षा नीति में इस बार हाईस्कूल के तीन विषयों में अनुत्तीर्ण छात्र पूरी परीक्षा की बजाय अनुत्तीर्ण विषयों की ही परीक्षा दे सकता है। इस परीक्षा को योग्यता क्रेडिट परीक्षा (एलिजिबिलिटी क्रेडिट एग्जाम) नाम दिया गया है। यह एग्जाम जेब पर भारी पड़ रहा है। 
अव्यवहारिक है आदेश
प्रधानाचार्य हरिओम शर्मा, सुशील शर्मा, पद्म सेन मित्तल और नित्यानंद शर्मा इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हैं। उनका कहना है कि बोर्ड ने जब पूरी परीक्षा की फीस बढ़ाई थी, तो उस पर आपत्ति हुई थी। शासन ने उसे तो घटा दिया, लेकिन एक विषय की परीक्षा का शुल्क नहीं घटाया। इस अंतर से अभिभावक असंतुष्ट हैं।
शासन की नीति है
क्षेत्रीय सचिव योगेंद्र नाथ सिंह यह शासन की नीति है, लेकिन पूरी परीक्षा का शुल्क काफी कम है। एक मोटे आंकड़े के अनुसार प्रदेश में बोर्ड परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद् पर सवा सौ करोड़ रुपये का खर्चा आता है, जबकि एग्जाम फीस से इसके आधे ही प्राप्त होते हैं(अमर उजाला,मेरठ,21.8.11)।

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