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22 अगस्त 2011

यूपीःबेसिक शिक्षा के लिए 1761 करोड़ का प्रस्ताव

शिक्षा के अधिकार को अमली जामा पहनाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकर के मानव संसाधन विकास मंत्रालय को 1761 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव चालू वित्तीय वर्ष में सर्व शिक्षा अभियान के सप्लीमेंट्री प्लान के तहत भेजा गया है। प्रस्ताव में राज्य में 10,384 नए प्राइमरी स्कूल और 1052 अपर प्राइमरी विद्यालयों की स्थापना के लिए धनराशि की मांग की गई है। साथ ही नए स्कूलों की साज सज्जा और शिक्षकों के वेतन का प्रावधान भी रखा गया है। कांशीराम शहरी गरीब आवास योजना के तहत स्थापित कालोनियों में 121 बहुमंजिला स्कूल बनाने के लिए भी केंद्र सरकार से धनराशि की मांग की गई है। इन कालोनियों में प्रस्तावित विद्यालयों एक से लेकर आठवीं तक की कक्षाएं संचालित की जाएंगी। सोनभद्र में विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वहां सात आवासीय विद्यालय स्थापित करने की मंशा भी प्रस्ताव में जतायी गई है। विभिन्न जिलों में ईंट भट्ठों पर काम करने वाले मजदूरों के बच्चों के लिए विशेष शिक्षा केंद्रों की स्थापना का प्रस्ताव है। प्रस्ताव के तहत परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 1.74 करोड़ बच्चों को नि:शुल्क यूनीफॉर्म मुहैया कराने के लिए भी धनराशि की मांग की गई है। इस धनराशि से परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाली सभी बालिकाओं तथा अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बालकों को साल में दो सेट यूनीफॉर्म मुफ्त दी जाएगी। गौरतलब है कि परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के बालकों को अपने Fोत से नि:शुल्क यूनीफॉर्म मुहैया कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। प्रस्ताव में नगरीय क्षेत्रों में स्कूल दूर होने पर बच्चों के लिए यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अनुदान की मांग भी की गई है। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार को 9196 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अप्रैल में भेजा था। उस प्रस्ताव में प्रदेश में 5000 प्राइमरी और 900 अपर प्राइमरी स्कूलों की स्थापना के लिए धनराशि मांगी गई थी। इसके साथ ही परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाली सभी बालिकाओं तथा अनुसूचित जाति/जनजाति व गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के बालकों को साल में दो सेट नि:शुल्क यूनीफॉर्म देने के लिए भी धनराशि मांगी गई थी। नौ मई को सर्व शिक्षा अभियान के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने नए स्कूलों और बच्चों को नि:शुल्क यूनीफॉर्म मुहैया कराने के प्रस्तावों को यह कहते हुए नामंजूर कर दिया था कि पहले उप्र सरकार नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम की नियमावली को मंजूरी दे। कैबिनेट द्वारा 26 जुलाई को शिक्षा का अधिकार नियमावली को अनुमोदित करने के बाद राज्य सरकार ने केंद्र से नए स्कूलों और नि:शुल्क यूनीफॉर्म के लिए धनराशि की मांग की है(दैनिक जागरण,लखनऊ,22.8.11)।

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