मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

02 अगस्त 2011

छत्तीसगढ़ पीईटी प्रवेश प्रक्रिया: 3 दिन में भरीं सिर्फ 25 फीसदी सीटें

पीईटी की पहली अलॉटमेंट लिस्ट जारी होने के तीन दिन बाद तक पूरे राज्य में सिर्फ तीन हजार प्रतिभागियों ने इंजीनियरिंग कॉलेजों में अपने प्रवेश सुनिश्चित किए हैं। पहली अलॉटमेंट लिस्ट में 11 हजार 953 सीटों के लिए आवंटन हुआ था। इस प्रकार तीन दिनों में आवंटन सीटों की मात्र एक चौथाई सीटें ही भर पाई हैं।

तीन चौथाई सीटें अब भी खाली हैं। यह प्रतिशत प्रतिशत पहले अलॉटमेंट का है। राज्य के 50 इंजीनियरिंग कॉलेजों में लगभग 20 हजार सीटें हैं। ब्रांच चुनने के मामले में अलॉटमेंट और प्रवेश में एक ही तरह का ट्रेंड दिखा। निजी और सरकारी कॉलेजों में अभी तक जो भी प्रवेश हुए हैं उनमें ज्यादा संख्या सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल ब्रांचों के लिए है।

पीईटी की पहले राउंड की काउंसिलिंग प्रक्रिया चार अगस्त तक चलेगी। छात्र अलॉट की हुई सीट पर संबंधित कॉलेज में पहुंचकर प्रवेश ले सकते हैं। पांच अगस्त को पहले अलॉटमेंट के बाद खाली रह गई सीटों की नई सूची जारी होगी।


कुल बची हुई सीटों के लिए काउंसिलिंग का दूसरा राउंड 6 अगस्त से शुरू होगा, जो छात्र अपने अलॉटमेंट से संतुष्ट नहीं हैं वह 6 से 9 अगस्त के बीच में दोबारा काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। काउंसिलिंग की दूसरी लिस्ट 10 अगस्त को जारी होगी। उधर फार्मेसी की सीटों को भरने के लिए मंगलवार से ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया शुरू होगी। 

शहर के कॉलेज हैं आगे

प्राइवेट कॉलेजों में अभी तक सबसे अधिक प्रवेश शंकरा कॉलेज में हुए हैं। सोमवर तक यहां 288 प्रवेश हो गए थे। बीआईटी में सीटों के भरने की यह संख्या 227 है। आरआईटी में सोमवार तक 65 छात्रों ने प्रवेश ले लिया था। प्रदेश के शेष कॉलेजों की तुलना में रायपुर के कॉलेजों की प्रवेश की गति थोड़ी तेज है। 

राजनांदगांव स्थित सत्यदेव इंजीनियरिंग कॉलेज में सोमवार तक सिर्फ एक प्रवेश हुआ था। विंध्य और बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में सोमवार तक एक भी प्रवेश नहीं हुआ था। उधर राज्य के तीनों इंजीनियरिंग कॉलेजों को मिलाकर अब तक 220 प्रवेश हो चुके हैं। किसी भी कॉलेज में अभी चालीस फीसदी से ऊपर प्रवेश नहीं हुए हैं(दैनिक भास्कर,रायपुर,2.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।