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05 अगस्त 2011

हिमाचलःहमीरपुर एनआईटी में रैगिंग, 3 गिरफ्तार

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में पुलिस ने रैगिंग के आरोप में तीन स्टूडेंट्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामला 29 जुलाई की रात का है, लेकिन संस्थान ने इस मामले की एफआईआर बुधवार शाम को करवाई। यह एफआईआर संस्थान के रजिस्ट्रार एके सिंघा ने करवाई है।

आरोपी हमीरपुर के बड़ियाणा गांव का अंकुश कुमार, कुल्लू के अविनाश चौधरी के अलावा चंबा जिला का अभिनव ठाकुर शामिल है। अविनाश और अंकुश को गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर संस्थान ने तीनों स्टूडेंट्स को हॉस्टल से निकाल दिया है।

कैसे आए शिकंजे में: एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों भागने की फिराक में थे। गिरफ्तार किए गए दो स्टूडेंट्स के फोन नंबर पर पुलिस ने खुद को उनका दोस्त बताकर जानकारी जुटाई। पुलिस को पता चला कि तीनों हीरा नगर में स्थित एक क्लब में हैं। एसपी कुलदीप शर्मा खुद नगर परिषद के वाहन से मौके पर पहुंचे और उन्हें गिरफ्तार किया।


एसपी कुलदीप शर्मा ने बताया कि तीसरे आरोपी अभिनव ठाकुर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इसे टांडा के पास पुलिस ने पार्टी ने देर शाम गिरफ्तार किया है। उसे हमीरपुर लाया जा रहा है। वह वहां अपने किसी करीबी के घर छिपने की तैयारी में था। पुलिस को इसकी जानकारी मिली थी और उसने उसका पीछा किया। तीनों के खिलाफ एंटी रैगिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। अविनाश और अंकुश इलेक्ट्रिकल जबकि अभिनव आईटी का स्टूडेंट है।

सजा का प्रावधान 

एंटी रैगिंग एक्ट के तहत सुप्रीम कोर्ट की नई गाइड लाइंस पर वर्ष 2009 में इसमें संशोधन किया गया था और अब जो स्टूडेंट्स रैगिंग में दोषी पाए जाएं, उनके खिलाफ सजा के तौर पर तीन साल की सजा या 50000 रुपए जुर्माना या फिर यह दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं। रैगिंग के मामले में गिरफ्तारी होने के बाद स्टूडेंट्स को जमानत मिलना आसान नहीं है। 

पुराने मामले 

टांडा मेडिकल कॉलेज में 8 मार्च, 2009 को अमन काचरू की हत्या के आरोप में रैगिंग का मामला बना था। इसमें चार लोगों अजय वर्मा, अभिनव वर्मा, नवीन और मुकुल शर्मा को 11 नवंबर, 2010 को फास्ट ट्रैक कोर्ट धर्मशाला ने 4 साल की सजा और 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। जबकि टांडा की इस रैगिंग की घटना के बाद 2009 में ही आयुर्वेदिक कॉलेज पपरोला में भी रैगिंग का मामला सामने आया था। उसके बाद एनआईटी हमीरपुर में रैगिंग का यह तीसरा मामला दर्ज हुआ है। जिसमें तीन स्टूडेंट्स को गिरफ्तार किया गया है। 

- सोलन के लॉरेंस स्कूल सनावर में 2009 में रैगिंग का मामला देश भर में चर्चा में रहा था। उस समय स्कूल में एक प्रतियोगिता में हूटिंग को लेकर सीनियर और जूनियर छात्रों में विवाद हो गया था। बाद में सीनियर छात्रों ने रात को जूनियर छात्रों की पिटाई कर दी थी। छात्रों को चोटें आई थीं। घायल छात्रों के अभिभावकों ने यह मामला मीडिया में उठाया था। बाद में स्कूल प्रबंधन ने मारपीट में शामिल सीनियर छात्रों को निलंबित कर दिया था। हालांकि स्कूल प्रबंधन इस मामले को रैगिंग न मानते हुए छात्रों के बीच मारपीट बताता रहा। 

कमेटी की रिपोर्ट तैयार होने तक कुछ समय लगा और जब कमेटी ने रैगिंग के इस मामले को पुख्ता किया, तभी बुधवार को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन को लिखा गया। तीनों स्टूडेंट्स फेल हैं। संस्थान में रैगिंग का यह पहला मामला है। -ए.के. सिंघा, रजिस्ट्रार, एनआईटी

..वो 29 जुलाई की आधी रात

नशे की हालत में घुसे जूनियर्स के कमरे में 29 जुलाई की रात को करीब 11 बजे ये तीनों स्टूडेंट्स प्रथम वर्ष के स्टूडेंट्स के हॉस्टल में जब घुसे। जिन स्टूडेंट्स के इन्होंने दरवाजे खुलवाए उनमें 8 स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया है कि उनके साथ बदतमीजी की गई है। सिक्योरिटी गार्ड के मना करने पर तीनों बेकाबू हो गए। 

इसके बाद में इनकी शिकायत एंटी रैगिंग कमेटी को की गई। कमेटी ने इनके खिलाफ संबंधित 8 स्टूडेंट्स से लिखित शिकायत ली। इसके अलावा गार्ड के बयान भी दर्ज किए गए, लेकिन इस दौरान यह मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा। बुधवार को रजिस्ट्रार ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में तीन स्टूडेंट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई। 

पुलिस ने देर शाम से ही इन स्टूडेंट्स की खोज शुरू कर दी थी। यह तीनों स्टूडेंट्स हमीरपुर में ही थे और कॉलेज ऑथोरिटी को अपने अभिभावकों के जो फोन नंबर दिए थे, वह भी गलत थे। पुलिस ने भी इनके अभिभावकों के फोन नंबरों पर कॉल किए, लेकिन यह गलत नंबर थे। वीरवार दोपहर करीब 12:00 बजे दो स्टूडेंट्स को गांधी चौक के पास स्थित एक एटीएम के बाहर उस समय गिरफ्तार किया, जब यह पैसे निकलवा कर भागने की फिराक में थे(दैनिक भास्कर,हमीरपुर,5.8.11)।

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