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02 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःखाली रह सकती हैं बीई-एमबीए की 30 फीसदी से ज्यादा सीटें

जुलाई खत्म हो गया लेकिन इंजीनियरिंग, एमबीए, फार्मेसी, एमसीए, एमई-एमटेक और आर्किटेक्चर जैसे अहम तकनीकी कोर्सेस में काउंसिलिंग का दौर खत्म नहीं हुआ। मुख्य काउंसिलिंग का पहला राउंड 3 अगस्त तक चलना है लेकिन डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) के आंकड़े देखें तो सोमवार तक 37221 सीटों के लिए ही विद्यार्थियों ने ऑनलाइन कॉलेज लॉक किए। जबकि बीई में इस बार करीब 83 हजार सीटें हैं।

एमबीए के हालत इससे भी बदतर है। लगभग 20 हजार सीटें हैं लेकिन पहली काउंसिलिंग में 4053 ने ही एडमिशन लिया। डीटीई भी लगातार टाइम-टेबल आगे बढ़ाता जा रहा है। इस कारण सेशन दो महीने लेट यानी सितंबर में ही शुरू हो पाएगा।

डायवर्ट हो गए दूसरे कोर्सेस में
इस बार एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों ने बीई के लिए प्री इंजीनियरिंग टेस्ट दिया था लेकिन एडमिशन प्रक्रिया लगातार लेट होने से हजारों विद्यार्थी दूसरे कोर्सेस में डायवर्ट हो गए। 12वीं में 45 फीसदी पर एडमिशन देने के एआईसीटीई के नियम डीटीई द्वारा देर से लागू करने से भी हजारों विद्यार्थी काउंसिलिंग में सम्मिलित नहीं हो पाए। अब जब कम मार्क्‍स वालों को मौका देने के लिए दोबारा काउंसिलिंग कराई जा रही है तो इसमें नाममात्र विद्यार्थी ही पहुंच रहे हैं।

एआईसीटीई के कारण लेट हुए
एआईसीटीई द्वारा नियम लागू करने की सूचना नहीं देने से काउंसिलिंग प्रक्रिया लेट हुई। नियमों के विरुद्ध विद्यार्थियों द्वारा कोर्ट की शरण में चले जाने से भी फर्क पड़ा है। कॉलेजों की सीटें भरना हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं।

- डॉ. लक्ष्मीनारायण रेड्डी, डिप्टी डायरेक्टर, डीटीई भोपाल 

अभी तक की स्थिति 
बीई की 83000 सीटों के लिए सोमवार तक 37221 शामिल हुए। बीई फ्री सीट स्कीम के तहत 4135 विद्यार्थियों को इसी दिन कॉलेज अलॉट हुए कॉलेज बढ़ रहे विद्यार्थी कम होते जा रहे हैं

एसजीएसआईटीएस के पूर्व डायरेक्टर डॉ. पी.के. सेन का कहना है प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की संख्या देखे बिना हर साल बीई और एमबीए कॉलेज व सीटें बढ़ाती जा रही है। ज्यादा कॉलेज होने से टेक्निकल एजुकेशन में क्वालिटी कम हो रही है। कई विद्यार्थी दूसरे कोर्सेस में जाने लगे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है इस बार भी 30 फीसदी से ज्यादा सीटें खाली रह सकती हैं।

स्कीमों की भरमार
सीटें नहीं भरने के डर से कॉलेज अभी से विद्यार्थियों को लुभावने ऑफर दे रहे हैं। विद्यार्थी के कॉलेज विजिट करने के दौरान आधी फीस में बीई-एमबीए कराने की बात कही जा रही है। कुछ कॉलेज स्कॉलरशिप देने का वादा भी कर रहे हैं। काउंसिलिंग हेल्प सेंटर पर कुछ विद्यार्थियों ने कॉलेज द्वारा पासवर्ड चुराकर खुद ही ऑनलाइन कॉलेज चुन लेने की शिकायत भी की है(दैनिक भास्कर,इन्दौर,2.8.11)।

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