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21 अगस्त 2011

डीयूःओबीसी की 3000 सीटें अब भी खाली,11वीं कट-ऑफ की तैयारी


10वीं कटआफ के बेस पर दाखिले के बाद भी डीयू के कॉलेजों में ओबीसी की काफी सीटें बच गई हैं। खास बात यह है कि ओबीसी की 3500 सीटों को भरने के लिए डीयू अब तक 5 कटऑफ निकाल चुकी है, लेकिन इन 5 कटआफ के बेस पर मात्र 500 दाखिले हुए। अब भी 3 हजार सीटें खाली हैं। विविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि और कटऑफ निकालने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नही है। विवि बाकी बची सीटों को भरने के लिए 11वीं कटऑफ निकालेगा। उन्होंने कहा कि लगता है कि इस पूरे महीने दाखिले चलते रहेंगे। विविद्यालय मंगलवार को 11वीं कटआफ को लेकर फैसला करेगा। गौरतलब है कि दसवीं कटऑफ में ओबीसी छात्रों को भारी छूट देने की डीयू की हिदायत के बाद भी कुछ कॉलेजों को छोड़कर ज्यादातर कॉलेजों ने पुराना फंडा अपनाया और कटऑफ को न्यूनतम योग्यता तक नहीं ले गए। इसके पीछे कारण यह भी है कि यदि कॉलेज कटऑफ को 70 से सीधा 40 फीसद तक लाते हैं, तो उनके सामने दो सीटों के लिए 40 उम्मीदवार आ सकते हैं। इस कारण, कॉलेजों ने यह खतरा मोल नहीं लिया। राजेश सिन्हा के मुताबिक कॉलेजों को अब अपनी कटऑफ और गिरानी होगी। इसके अलावा न्यूनतम योग्यता में भी 10 फीसद तक छूट देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि यदि 11वीं कटऑफ से भी सीटें नहीं भरतीं तो फिर कॉलेजों को अपने स्तर से कटऑफ जारी करने के लिए कहा जा सकता है। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो जेएम खुराना ने कहा कि कॉलेजों को किसी भी हालत में सीटों को भरना होगा। यदि कॉलेज कटऑफ ज्यादा नीचे करते हैं और सीटों के हिसाब से ज्यादा उम्मीदवार आते हैं, तो ऐसे में कॉलेज मेरिट के आधार पर दाखिले कर सकते हैं। कॉलेजों को कटऑफ में गिरावट करने को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। बता दें कि विविद्यालय नियमों के तहत कॉलेजों में 31 अगस्त तक दाखिले हो सकते हैं। विविद्यालय ओबीसी सीटों को सामान्य व अन्य आरक्षित वगरे में परिवर्तित न करने का फैसला पहले ही ले चुका है(राष्ट्रीय सहारा,दिल्ली,21.8.11)।

नई दुनिया की रिपोर्टः
दिल्ली विश्वविद्यालय में शनिवार को दसवीं लिस्ट के आधार पर ओबीसी दाखिले का काम पूरा हो गया। कॉलेजों में इसके बाद भी कई महत्वपूर्ण कोर्स में सीटें खाली हैं। प्रशासन इन सीटों का ब्योरा मंगाकर विचार कर रहा है। 

विश्वविद्यालय में बीकॉम आनर्स, बीकॉम, अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, राजनीतिशास्त्र, इतिहास और साइंस के विभिन्न कोर्स में दस लिस्ट के बाद भी सीटें नहीं भर पाईं। शनिवार को दसवीं लिस्ट के आधार पर दाखिले की आखिरी समय सीमा खत्म हो गई। बताया जाता है कि इस बार कॉलेजों में इक्के दुक्के छात्रों ने ही दाखिला लिया है। रामलाल आनंद कॉलेज के प्राचार्य विजय शर्मा ने बताया कि इस वर्ग की कई सीटें पहले की तरह ही खाली रह गई हैं। नये छात्र दाखिला लेने कम ही आए हैं। दूसरे कॉलेज में दाखिला पाने वाले ओबीसी छात्र ही इस कट ऑफ के आधार पर एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं। कॉलेजों में सेशन के एक माह गुजर चुके हैं। सेमेस्टर में देर से दाखिला पाने वाले छात्रों का अब नुकसान ही है। इसलिए इस वर्ग में अब नये छात्र दाखिला लेने नहीं आ रहे हैं। बची हुई सीटों का ब्योरा कॉलेज ने प्रशासन को भेज दिया है। आचार्य नरेन्द्रदेव कॉलेज की प्राचार्य सावित्री सिंह ने बताया कि बीकॉम आनर्स की सीटें अब भी खाली हैं। इतनी देर से लिस्ट जारी होने पर छात्र कम ही आ रहे हैं। अब परीक्षा के ढाई माह रह गए हैं। ऐसे में आगे इस वर्ग में नए छात्रों के आने की उम्मीद न के बराबर है। शहीद भगत सिंह सांध्य कॉलेज में भी बीकॉम आनर्स में ओबीसी की सीटें खाली रह गई हैं। इनके अलावा कैंपस के प्रमुख कॉलेजों में भी विभिन्न कोर्स में ओबीसी की सीट नहीं भरी हैं। प्राचार्यों ने इसका ब्योरा दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को भेज दिया है। 

सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए फैसले की आ़ड़ में विश्वविद्यालय प्रशासन आगे इन सीटों का क्या किया जाए इस पर विचार कर रहा है। प्राचार्यों का कहना है कि अब अगले साल से इन सीटों को भरने के लिए अदालत के आदेश के हिसाब से नियम तैयार किए जाएं। इससे कॉलेजों में ऊहापोह की स्थिति नहीं रहेगी। सभी जगह एक समान ढंग से दाखिले दिये जा सकते हैं।

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