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04 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःक्लेट में 40 फीसदी मैथ्स के

एनएलआईयू में पढ़ने वाले शुभम केशरवानी कोटा से आईआईटी-जेईई की तैयारी कर रहे थे लेकिन तैयारी के दौरान उन्हें महसूस हुआ कि वे इंजीनियरिंग में नहीं जाना चाहते। तभी इंटरनेट पर कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट के बारे में पढ़ा और भोपाल आकर कॉमन एडमिशन टेस्ट(क्लेट) की तैयारी में जुट गए।

इसी साल क्लेट की तैयारी कर रहे दृष्टांत अवस्थी ने भी मैथ्स में पढ़ाई के बाद आईआईटी-जेईई में जाने का विचार छोड़ लॉ में भविष्य देखा। स्ट्रीम बदलने का कारण स्टूडेंट्स बताते हैं कि आईआईटी-जेईई के बाद टॉप पोजिशन पाने के लिए स्टूडेंट्स एमबीए करते हैं। इसलिए नई दिशाएं तलाशने के बारे में सोचा।


आईआईटी की तरह लॉ की देश में राष्ट्रीय स्तर की यूनिवर्सिटीज और संस्थान हैं, जहां स्टूडेंट्स को इंटीग्रेटेड डिग्री के साथ बेहतरीन पोजीशन और पैकेज मिल पाता है। इस क्षेत्र में अनुभव हासिल कर खुद की लॉ फर्म शुरू की जा सकती है क्योंकि कानून विशेषज्ञों की जरूरत एक व्यक्ति से लेकर संस्था तक हर कदम पर पड़ रही है।

इंजीनियर नहीं बनना था
इस साल भोपाल से नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी(दिल्ली)में चयनित सुरभि लाल ने ऑल इंडिया रैंक 6वीं हासिल की। सुरभि कहती हैं, मैं मैथ्स स्ट्रीम की छात्रा रही लेकिन मुझे इंजीनियर नहीं बनना था। पीसीएम इसलिए पढ़ती रही क्योंकि फिजिक्स और केमेस्ट्री में मुझे काफी रुचि थी। सेंट जोसफ स्कूल की मेरी एक सीनियर छात्रा की जॉब लॉ करने के बाद लंदन की एक फर्म में लगी है। मैंने फेसबुक के जरिए उनसे संपर्क किया और तय कर लिया कि लॉ ही करना है। 

40 फीसदी मैथ्स संकाय से
रेस कोचिंग के सेंटर हेड राजेश जैन कहते हैं, इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में से छोड़कर बेंगलुरू और दिल्ली जैसे शहरों से भी भोपाल आकर स्टूडेंट्स लॉ एंट्रेंस की तैयारी कर रहे हैं।

रोजगार मौके
इंटरनेशनल ट्रेड, इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट, बैंकिंग, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, ज्यूडिशियरी, एनवायरमेंटल लॉ, लॉ फर्म, लीगल प्रोसेस आउटसोर्सिग कंपनियां, पॉवर कंपनी, शेयर ट्रेडिंग एजेंसी आदि।

एनएलआईयू भोपाल में 2010 में हुए कैंपस
आईसीआईसीआई बैंक, सिडबी, एमपीपीटीसी, टैरी, भारत पेट्रोलियम, ज्यूरिस कॉर्प, कोल इंडिया, अमरचंद-मंगलदास,मुंबई, खेतान एंड कंपनी, वेदांता रिसोर्सेज, कोचर एंड कंपनी, दिल्ली सहित कई नामी लॉ फर्म।

कोचिंग सेंटर पर भी बढ़े मैथ्स के छात्र
शहर में क्लेट की तैयारी करा रहे कोचिंग संस्थानों पर मैथ्स संकाय के छात्र भी बढ़ते नजर आ रहे हैं। हालांकि क्लेट की तैयारी कर रहे कॉमर्स के छात्र यहां मैथ्स स्ट्रीम के छात्रों के बढ़ते दखल से परेशान है। इस बारे में सी-लीड कोचिंग से सेंटर हेड दीपू कृष्णन कहते हैं, पिछले दो सालों में 10 में से 4 स्टूडेंट्स मैथ्स संकाय के होते हैं, हालांकि कॉमर्स के स्टूडेंट्स के लिए यह परेशानी का विषय है क्योंकि मैथ्स संकाय के छात्र क्लेट में 20 अंक के मैथ्स के पेपर और 45 अंक के लॉजिकल रीजनिंग के पेपर में ज्यादा अंक स्कोर करके अच्छी रैंक पा लेते हैं। गौरतलब है कि बायोलॉजी, कॉमर्स, मैथ्स और आर्ट्स किसी भी संकाय का छात्र क्लेट दे सकता है।

क्यों बना क्लेट क्रीमी ऑप्शन
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पांच साल बीए(एलएलबी)कोर्स की काफी डिमांड है। जिसकी वजह से मल्टीनेशनल कंपनियां कैंपस के लिए यहां आती हैं।
- अब वकील की पहचान बड़े कापरेरेट घरानों में कापरेरेट लॉयर के रूप में भी बन चुकी है।
- भोपाल स्थित एनएलआईयू के कैंपस प्लेसमेंट में शुरुआती पैकेज 5 लाख रुपए से लेकर 20 लाख रुपए सालाना तक ऑफर हुए हैं।
- बीए(एलएलबी)के बाद विभिन्न क्षेत्रों में पसंदीदा जॉब ऑफर मिल पाते हैं।
- मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने का सपना लॉयर बनकर भी पूरा किया जा सकता है।
- देश में 11 लॉ संस्थानों की 1100 सीट्स के जरिए पांच साल की इंटीग्रेटेड डिग्री में दाखिला मिल पाता है। जिसका स्तर आईआईटी संस्थानों के समतुल्य माना गया है(प्रीति शर्मा,दैनिक भास्कर,भोपाल,4.8.11)।

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