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02 अगस्त 2011

छत्तीसगढ़ पीएमटीः72 संदिग्ध छात्रों में कौन पास या कौन फेल पता ही नहीं

पीएमटी के एक दिन पहले 18 जून को पर्चा हल करते समय बिलासपुर में पकड़े गए 72 छात्रों का रिकार्ड पुलिस के पास नहीं है। फर्जीवाड़े के आरोप में फंसे इन छात्रों में कितने छात्रों ने तीसरी बार पीएमटी में अच्छी रैंक पाई है?

पुलिस के साथ-साथ व्यवसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं में इस हकीकत से बेखबर है। पीएमटी के आयोजन के बाद से आरोपी छात्र गायब हैं। पुलिस उन्हें पकड़ने में नाकाम साबित हो रही है। पुलिस के आला अफसर खुद इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि ज्यादातर आरोपी छात्रों ने अग्रिम जमानत के प्रयास शुरू कर दिए हैं। बिलासपुर पुलिस ने तखतपुर में पकड़े गए 11 छात्रों को अब तक गिरफ्तार किया है।

फरार छात्र जेल में बंद बाकी छात्रों को जमानत मिलने का इंतजार कर रहे, उनकी योजना है कि कैदखाने में बंद छात्रों को जमानत मिलने के बाद उसी आधार पर वे अपने लिए अर्जी लगाएंगे। गौरतलब है कि व्यापमं अध्यक्ष के सुब्रह्मण्यम ने तीसरी बार पीएमटी आयोजित होने के पहले ही आरोपी छात्रों की सूची मांगी थी।


बिलासपुर से अब तक वह सूची नहीं भेजी गई। सूची नहीं होने की वजह से चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अधिकारियों के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है। आरोपी छात्र काउंसिलिंग में शामिल होकर सीट में भी हासिल कर सकते हैं। अफसरों को उनके बारे में पता ही नहीं चलेगा।

पीपीटी और पीएटी के नतीजे होंगे जारी : 

पीएमटी के नतीजे जारी होने के साथ ही व्यापमं के अधिकारी अब एक महीने से भी ज्यादा समय से अटके पीपीटी और पीएटी के नतीजे जारी करने में जुट गए हैं। दोनों ही परीक्षाओं के मॉडल आंसर पहले ही जारी किए जा चुके हैं। 

मॉडल आंसर की दावा-आपत्तियों का भी निराकरण कर दिया गया है। मंडल के परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रदीप चौबे के अनुसार दोनों ही नतीजे इसी सप्ताह घोषित कर दिए जाएंगे। नतीजों के अलावा व्यापमं की ओर से 7 अगस्त को बीएससी नर्सिग परीक्षा का भी आयोजन किया जाएगा।

ऐसा कोई नियम नहीं

पर्चा लीक कांड में फंसे छात्रों को परीक्षा से दूर रखने या उनके नतीजों पर रोक लगाने के लिए व्यापमं के पास कोई नियम नहीं है। इस वजह से ऐसे छात्रों पर किसी भी तरह की कागजी कार्रवाई करने के लिए मंडल के अधिकारी हाथ खड़े कर रहे हैं। 

सबसे ज्यादा दिक्कत चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की है। वे इस मंथन में जुटे हैं कि आरोपी छात्रों को सीट आवंटित की जाए या नहीं। अफसर इस मसले पर काउंसिलिंग स्थल पर मौजूद पुलिस की प्रतिक्रिया को लेकर भी कयास लगा रहे हैं।

"बिलासपुर जिले की पुलिस की पत्र लिखकर संदिग्ध छात्रों की सूची और जांच रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन उन्होंने दी नहीं। इस वजह से उनके नतीजे भी बाकी परीक्षार्थियों के साथ घोषित कर दिए गए। "

के सुब्रह्मण्यम,
अध्यक्ष, व्यापमं(दैनिक भास्कर,रायपुर,2.8.11)

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