बीएड की अतिरिक्त फीस वापस न करने और मापदंडों के अनुसार प्राध्यापकों की नियुक्ति नहीं करने का खामियाजा 9 कालेजों को भुगतना पड़ा। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने इन कालेजों को बीएड की काउंसिलिंग से बाहर कर दिया है। यूनिवर्सिटी ने इस कार्रवाई की जानकारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) रायपुर व एनसीटीई भोपाल को दे दी है।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी में विद्या परिषद की स्थाई समिति की बैठक में बीएड कालेजों की लापरवाही को गंभीरता से लिया गया है। राज्य शासन और सेंट्रल यूनिवर्सिटी के बार-बार निर्देशों के बाद भी बीएड कालेजों ने पिछले शैक्षणिक सत्र में ली गई अतिरिक्त फीस लौटाने और प्राध्यापकों की नियुक्ति के संबंध में यूनिवर्सिटी को जानकारी नहीं दी है। इससे नाराज विद्या परिषद ने उन्हें काउंसिलिंग से बाहर करने का फैसला लिया है। ऐसे बीएड कालेज जिन्होंने मापदंडों के अनुसार नियुक्तियां की हैं और शेष नियुक्तियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है, उन्हें एक माह का समय दिया गया है।
यूनिवर्सिटी ने बीएड कालेजों से लौटाई गई फीस का प्रमाण भी मांगा है। बैठक में कुलपति डा. लक्ष्मण चतुर्वेदी के अलावा उप कुलपति डा. पीसी उपाध्याय, कुलसचिव प्रो. एमएसके खोखर, प्रो. एसपी सिंह, प्रो. एसवीएस चौहान व अन्य सदस्य मौजूद थे।
शुरू नहीं होगा नया कोर्स
कुछ कालेजों ने वर्तमान सत्र में नए कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी में आवेदन दिया था। यूनिवर्सिटी की टीम ने इन कालेजों का निरीक्षण भी किया। इसकी रिपोर्ट सौंप दी गई है, जिसके मुताबिक कालेजों में नए कोर्स संचालित कराने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं पाए गए। रिपोर्ट के आधार पर यूनिवर्सिटी ने फिलहाल ऐसे कालेजों में नए कोर्स शुरू करने की अनुमति नहीं दी है।
सीटों की संख्या पर फैसला 3 दिनों में
कई कालेजों ने यूनिवर्सिटी में सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। इसके लिए यूनिवर्सिटी में टीम भी गठित की गई है। टीम में अधिष्ठाता, छात्र कल्याण अधिष्ठाता, कुलसचिव व उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक डा. बीएल गोयल शामिल हैं। टीम की रिपोर्ट के आधार पर कालेजों में सीटें बढ़ाने का फैसला तीन दिनों के भीतर लिया जाएगा।
क्या था मामला
फीस नियामक आयोग के पिछले साल ही बीएड की फीस तय कर इसकी जानकारी बीएड कालेजों को भेज दी थी, लेकिन बीएड कालेज प्रबंधन ने निर्देश मिलने से इनकार करते हुए प्रशिक्षार्थियों से अतिरिक्त फीस ले ली। सत्र के बाद कालेज प्रबंधन ने अतिरिक्त फीस वापस करने से इनकार कर दिया। इसकी शिकायत छात्रों ने सेंट्रल यूनिवर्सिटी और एससीईआरटी से की। एससीईआरटी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सेंट्रल यूनिवर्सिटी से ऐसे कालेजों के नाम मांगे थे।
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने उन कालेजों को तीन दिन में व्यवस्था सुधारकर इसकी जानकारी देने के निर्देश दिए। इसके बाद भी बीएड कालेजों ने अधूरी जानकारी भेजी और टालमटोल रवैया अपनाया। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने ऐसे कालेजों के नाम एससीईआरटी को भेजकर उन्हें काउंसिलिंग में शामिल न करने की बात कही। एससीईआरटी ने यूनिवर्सिटी से पहले संबद्धता खत्म करने की विधिवत सूचना देने के लिए कहा। इसके बाद यूनिवर्सिटी ने विद्यापरिषद की बैठक में ऐसे 9 बीएड कालेजों को काउंसिलिंग से बाहर कर सूचना एससीईआरटी को भेज दी है।
ये हुए काउंसिलिंग से बाहर
- सिद्धपीठ महामाया एजुकेशन कालेज बिलासपुर
- शुभम शिक्षण समिति बिलासपुर
- डीएलएस कालेज बिलासपुर
- हरिशंकर एजुकेशन कालेज जांजगीर
- राहौद एजुकेशन सोसायटी राहौद
- कोनार्क कालेज आफ एजुकेशन खोखसा जांजगीर
- श्री महंत लाल दास एजुकेशन कालेज शिवरीनारायण
- ज्ञानोदय एजुकेशन कालेज जांजगीर
> ज्ञानदीप एजुकेशन कालेज जांजगीर
ये रखे गए यथावत्
-सीएमडी कालेज
-डीपी विप्र बीएड कालेज
- अग्रसेन बीएड कालेज कोरबा
- केएन बीएड कालेज कोरबा
- मौलाना आजाद बीएड कालेज(दैनिक भास्कर,बिलासपुर,8.8.11)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।