मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

20 अगस्त 2011

यूपीःबीएड की नई व्यवस्था से छात्र-शिक्षक दोनों परेशान

बीएड की शेष सीटों के लिए शनिवार से शुरू हुई पूल व्यवस्था ने अभ्यर्थियों के साथ-साथ शिक्षकों को भी परेशान कर दिया। नई व्यवस्था के तहत पंजीकरण करने के लिए छात्र जिस विश्वविद्यालय का चयन करता है, वहां के सभी उपलब्ध कॉलेजों को भी विकल्प के तौर पर भरना आवश्यक होता है। मेरठ में 200 कॉलेजों में सीटें बची हैं। ऐसे में जिस छात्र ने मेरठ का कोई एक कॉलेज चाहा, पंजीकरण उसे सभी में कराना पड़ा। इस प्रक्रिया में ढाई से तीन घंटे का समय लगा। बीएड में खाली सीटों को भरने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विज्ञान एवं कृषि की 1916 सीटें शेष हैं। शनिवार को इन पर पंजीकरण शुरू हो गया। प्रदेश में 585 अभ्यर्थी पहुंचे जबकि 525 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया। राजधानी में 84 अभ्यर्थियों ने विकल्प भरे। राजधानी में चार कॉलेजों में छह सीटें ही शेष थीं। प्रदेश में लखनऊ, जौनपुर, कानपुर, मेरठ, आगरा, गोरखपुर आदि जिलों के कॉलेज शुक्रवार को उपलब्ध थे, हालांकि खाली सीटों की संख्या बहुत ही कम थी। शनिवार को पंजीकरण प्रक्रिया में केवल मेरठ और आगरा के कॉलेज ही उपलब्ध रहने की संभावना है। सिटी कोआर्डिनेटर डॉ. पवन अग्रवाल ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सभी अभ्यर्थी 5000 रुपये का ड्राफ्ट लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों के पास 2 लाख रुपये से कम आय का प्रमाणपत्र है, केवल उन्हीं को यह छूट है। इससे ऊपर आय वर्ग के अभ्यर्थियों को 51250 रुपये का ड्राफ्ट ही लाना है(दैनिक जागरण,लखनऊ,20.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।