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12 अगस्त 2011

मध्यप्रदेशःपीएमटी पास करने में कामयाब रहे फर्जी छात्र!

सागर संचालनालय चिकित्सा शिक्षा और व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने फर्जी छात्रों को पकड़ने के लिए इस बार एमपी पीएमटी में बायोमीट्रिक मशीन पर अंगूठे के निशान से लेकर कई जगह हस्ताक्षर कराने की कवायद की थी। इसके बावजूद कुछ अभ्यर्थी इसमें फर्जीवाड़ा करने में कामयाब रहे हैं।

यह खुलासा हाल ही में भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में हुई प्रथम चरण की काउंसलिंग से हुआ है, जिसमें 4 फर्जी अभ्यर्थी प्रवेश के लिए नियमानुसार सीट का आवंटन कराए बिना ही भाग गए। संचालनालय को संदेह है कि इन अभ्यर्थियों ने खुद के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति से परीक्षा दिलाकर पास की थी।

स्क्रूटिनी कराई और गायब हो गए
चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के मुताबिक काउंसलिंग की शुरुआत आरक्षित वर्ग (एससी-एसटी) के अभ्यर्थियों से हुई थी। नियमानुसार उनके शैक्षणिक दस्तावेज जांचे जा रहे थे, जिसमें 4 संदिग्ध फर्जी छात्र भी शामिल हो गए, लेकिन जैसे ही इन अभ्यर्थियों के हाथ के अंगूठे के और हस्ताक्षर के नमूने लेने का मौका आया तो वे गायब हो गए। संचालनालय का कहना है कि प्रथम दृष्टया यह छात्र फर्जी मालूम पड़ते हैं, वरना वे बिना सीट आवंटन कराए इस तरह गायब नहीं होते।

बायोमीट्रिक मशीन बनी रोड़ा
प्रथम चरण की काउंसलिंग के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग का कहना है कि बायोमीट्रिक जांच व्यवस्था जालसाजी कर पीएमटी पास करने वाले छात्रों के लिए एक बड़ा रोड़ा साबित हो रही है। चार कथित छात्रों के भाग खड़े होने से इस मशीन की उपयोगिता बहुत हद तक साबित भी हुई है।


उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल से लगातार मेडिकल के फर्जी छात्रों का खुलासा होने से चिकित्सा शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इस स्थिति से निपटने के लिए विभाग ने इस बार प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थियों के बायोमीट्रिक मशीन से अंगूठे के निशान लिए थे। उनकी हस्तलिपि व हस्ताक्षर के नमूने भी लिए गए थे। काउंसलिंग में इन्हीं निशानों की पहचान के आधार पर सीट आवंटन किया जा रहा है।

शासन को रिपोर्ट सौंपी जाएगी
यह बात सही है कि 4 अभ्यर्थी बिना सीट आवंटन कराए काउंसलिंग से गायब हो गए थे। हो सकता है कि उन अभ्यर्थियों को अपने फर्जीवाड़े के पकड़े जाने का डर था। बहरहाल शुक्रवार को इन अभ्यर्थियों सहित अन्य सभी तरह की जानकारी की रिपोर्ट शासन को सौंपी जा रही है।
- डॉ. एससी तिवारी, डीएमई(दैनिक भास्कर,भोपाल,12.8.11)

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