मुख्य समाचारः

सम्पर्कःeduployment@gmail.com

27 अगस्त 2011

महाराष्ट्र में शिक्षक सेवकों को भविष्य निर्वाह निधि मिलेगी

राज्य सरकार ने शिक्षक सेवकों के लिए भविष्य निर्वाह निधि लागू करने का ऐलान किया है।

हालांकि मानधन में बढ़ोतरी और तीन साल का कार्यकाल कम करने की मांग के बारे में सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है। शिक्षा सेवक पिछले कई सालों से अपना मानधन बढ़ाने और पद का कार्यकाल कम करने की मांग कर रहे हैं।

फैसले के मुताबिक भविष्य निर्वाह निधि की सुविधा उन सभी शिक्षा सेवक, कृषि सेवक और ग्राम सेवकों को दी जाएगी, जो एक नवंबर-2005 के पहले इस सेवा में नियुक्त किये गए थे। साथ ही उन्होंने मानधन का कार्यकाल पूरा किया था।


जिन शिक्षा सेवक, कृषि सेवक या ग्राम सेवकों ने मानधन की सेवा कालावधि पूरा किये बिना एक नवंबर, 2005 से पहले यह सेवा छोड़कर दी थी और किसी दूसरी सेवा में शामिल हो गए थे, उन्हें उस नियुक्ति के दिन से भविष्य निर्वाह निधि की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। 
साथ ही जिन शिक्षक सेवक, कृषि सेवक और ग्राम सेवकों ने मानधन की कालावधि पूरी करने के बाद यह सेवा छोड़ी थी, उन्हें पेंशन की बजाय अंशदान सेवानिवृत्ति वेतन दिया जाएगा।

तीन साल तक सरकार को अपनी सेवा देने के बावजूद शिक्षा सेवकों को शिक्षक नहीं बनाया गया। इस कारण शिक्षा सेवक सरकार से बेहद नाराज हैं और अब वे मानधान बढ़ाने व तीन साल की समय सीमा को घटाने की मांग भी कर रहे हैं। 

शिक्षा सेवकों का मानधन बढ़ाने के बारे में सरकार ने अक्टूबर, 2008 में पवार समिति का गठन किया था। समिति ने फरवरी-2009 में अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। 

इसके बावजूद मानधन बढ़ाने के मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। मौजूदा हालात को देखते हुए ये शिक्षा सेवक बहुत कम मानधन में सरकार को अपनी सेवा दे रहे हैं। 

प्राथमिक शिक्षा सेवक को सरकार की तरफ से महज तीन हजार रुपए, माध्यमिक शिक्षा सेवकों को चार हजार रुपए और उच्च माध्यमिक शिक्षा सेवकों को पांच हजार रुपए प्रति माह दिये जाते हैं। 

इतने कम मानधन को लेकर सरकार की कई बार आलोचना होती रही है। स्कूल प्रबंधनों ने सवाल उठाये हैं कि इस आधार पर सरकार शिक्षा के स्तर को उठाने का दावा कैसे कर सकती है।

शिक्षकों की बढ़ती मांगों को देखते हुए 13 अक्टूबर-2000 में सरकार ने फैसला किया कि वह शिक्षा सेवकों की तीन साल के लिए नियुक्ति करेगी और तीन साल पूरे करने शिक्षा सेवकों को शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। लेकिन सरकार ने अपने वादे पर अमल नहीं किया(दैनिक भास्कर,मुंबई,26.8.11)।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

टिप्पणी के बगैर भी इस ब्लॉग पर सृजन जारी रहेगा। फिर भी,सुझाव और आलोचनाएं आमंत्रित हैं।